( वशीन्द्र मिश्र) बहुत दिनों के बाद इस बार के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल और विपक्षी पार्टियों रियल इश्यूज को उठाकर वोट मांग रही हैं यह अपने आप में बहुत ही सराहनीय और स्वागत योग्य है। राजनीतिक दलों की तरफ से महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार भाई भतीजाबाद संघीय ढांचे को मजबूत करने संबंधी मुद्दों पर चुनाव लड़ा जा रहा है।
हम भ्रस्टाचार मिटाना चाहते हैं वे भ्रस्टाचार में शामिल लोगों को बचाना चाहते हैं–नरेंद्र मोदी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद विकसित भारत और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किए गए अभियान को जारी रखने का वायदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों को सुनने के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी के चुनावी भाषणों की याद ताज होती जा रही है नरेंद्र मोदी का दावा है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ है और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अभियान चला रही है उनका आरोप है कि विपक्षी दल भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बचाने के लिए मुहिम चला रहे हैं। नरेंद्र मोदी जी देश की जनता से तीसरी बार जन समर्थन की अपील कर रहे हैं जिससे कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किए गए युद्ध को निर्णायक मोड तक ले जा सके।
नरेंद्र मोदी जी की तरह ही पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भी अपने चुनावी भाषणों में तत्कालीन विपक्षी पार्टियों को गरीब विरोधी साबित करने की कोशिश करती थी इंदिरा जी का कहना था कि मैं देश से गरीबी मिटाना चाहती हूं गरीबी हटाना चाहती हूं और हमारे राजनीतिक विरोधी इंदिरा गांधी को हटाना चाहते हैं
वह अपने चुनावी जनसभाओं में मौजूद जनता से इन दोनों मुद्दों में किसी एक मुद्दे के आधार पर समर्थन की अपील करती थी
नरेंद्र मोदी जी की शैली और इंदिरा जी की शैली इस तरह के चुनावी भाषणों में कमोबेश एक ही तरह की होती थी नरेंद्र मोदी जी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषण समाप्त करने के पहले मौजूद जनसभा में समर्थन की अपील करते हैं और इंदिरा गांधी जी भी अपना भाषण समाप्त करने से पहले जनता से समर्थन की अपील करती थी नरेंद्र मोदी और इंदिरा गांधी भी जनसभा में मौजूद लोगों से अपने पक्ष में हाथ उठवाकर अपने राजनीतिक विरोधियों को चुनौती देती थी।
दिलचस्प बात है की पूरा का पूरा विपक्ष इस समय भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचारी लोगों को संरक्षण देने भ्रष्टाचारियों को भाजपा में शामिल करने और भ्रष्टाचारियो के विरुद्ध अलग-अलग एजेंसीज की तरफ से जारी जांच को शिथिल करने और क्लीन चिट देने के आरोप लगा रहा है जबकि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोले हैं और उनका कहना है की तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू किए गए युद्ध को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया जाएगा।
प्रधानमंत्री के इन भाषणों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीखी आलोचना की है कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप है कि पिछले लगभग 10 साल के दौरान भारतीय जनता पार्टी की तरफ से विपक्षी दलों के 400 से अधिक विधायकों और नेताओं को केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से भाजपा में शामिल कराया जा चुका है
उनका यह भी कहना है कि पिछले 10 साल के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों का डर दिखाकर तमाम गैर भाजपा राज्य सरकारों को गिराया गया गैर भाजपा पार्टियों में तोड़फोड़ कराई गई और पूरे के पूरे गैर भाजपा दलों को परेशान किया गया
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष के इन आरोपों को कई बार खारिज किया जा चुका है प्रधानमंत्री से लेकर भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता गैर भाजपा दलों में तोड़फोड़ दल बदल विभाजन और भगदड़ के लिए संबंधित दलों के आंतरिक कलह को जिम्मेदार मानते है।
भाजपा का दावा रहा है की आंतरिक कला और गुटबाजी के वजह से गैर बीजेपी दल सत्ता से बाहर हो गए!इसलिए गैर भाजपा दलों का आरोप बेईमानी है!