नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को एक बार फिर चुनावी चंदे से संबंधित सभी जानकारी 21 मार्च तक इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया को मुहैया कराने का आदेश जारी किया है
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्टेट बैंक आफ इंडिया की पर भी कर रहे नामी वकील हरीश साल्वे सहित तमाम वकीलों की दलीलों को खारिज करते हुए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन करने की अपेक्षा की गई है सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही अच्छा और शुभ संकेत है सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में इलेक्टोरल बांड कानून संबंधी उन सभी दावों की पोल खोल दी है जिसके तहत चुनावी प्रक्रिया में काले धन के इस्तेमाल पर पाबंदी की उम्मीद की गई थी
कानून बनाते समय यह भी दावा किया गया था कि इलेक्टोरल बांड के बाद चुनाव प्रक्रिया और बेहतर और पारदर्शी होगी चुनाव में होने वाले काले धन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगेगी और काले धन का इस्तेमाल रुकने से गुड गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते इलेक्टोरल बांड खरीदने और दान देने वाले संगठनों कॉर्पोरेट घरानों की भूमिका की बारीकी से अध्ययन करने के बाद एक बात साफ हो गई है की काले धन का इस्तेमाल कम के बजाय बड़ा है
बांड खरीद कर अलग-अलग राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले तमाम ऐसे संगठन और कारपोरेट घराने हैं जो अपने कुल वार्षिक मुनाफे से कई गुना ज्यादा धनराशि का बॉन्ड खरीद कर राजनीतिक दलों को दिए हैं इससे एक बात साफ हो गई है कि पूरी चुनावी बांड की प्रक्रिया पूरी तरह से गैर संवैधानिक गैरकानूनी और पारदर्शी चुनाव व्यवस्था के खिलाफ थी शायद यही कारण है की कुछ हफ्ते पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित बेंच ने अपने फैसले में इलेक्टोरल बांड संबंधी कानून को ही गैर संवैधानिक और गैर कानूनी ठहराया था
एक बात और साफ हो गई है कि जिस पारदर्शिता का नाम लेकर इस कानून को बनाया गया था वह मकसद पूरा नहीं हुआ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया है गैर भाजपा दलों का आरोप है की इलेक्टोरल बांड से मिला चंदा कुल चंदे की धनराशि का 50फ़ीसदी से ज्यादा अकेले बीजेपी के खाते में गया है
गैर भाजपा दल चुनावी चंदे की आड़ में बीजेपी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मिलेचुनावी चंदे की धनराशि को सही ठहराया जा रहा है उनका दावा है कि देश में सर्वाधिक सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं भारतीय जनता पार्टी दुनिया के सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है पार्टी की विशालता पार्टी की स्वीकार्यता और पार्टी की साख को देखते हुए देश के जनता ने कॉर्पोरेट और इंडस्ट्रियल घरानों ने चुनावी चंदा दिया है इसलिए बीजेपी को लेकर हाय तौबा मचाने वाले हताशा के शिकार हैं