नई दिल्ली 01 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण भारत के एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में चुनावी चंदे से जुड़ी तमाम बातों पर खुलकर अपनी राय रखी है प्रधानमंत्री का दावा है की इलेक्टोरल बांड चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए लाया गया था! उन्होंने माना है की कानून बनाने के समय कुछ खामियां रह गई होगी उसको दूर किया जा सकता है लेकिन सरकार की नियत इस कानून के जरिए चुनाव में होने वाले काले धन के इस्तेमाल को रोकने की ही रही है इसलिए इलेक्टोरल बांड को लेकर बीजेपी के ऊपर लगाए जाने वाले आरोप निराधार है उन्होंने सवाल खड़ा किया है
क्या 2014 के पहले हुए चुनाव में चुनावी चंदा नहीं लिया जाता था ?
क्या 2014 के चुनाव में और उसके पहले के चुनाव में बड़ी धनराशि चुनाव में नहीं खर्च की जाती थी ?
आखिर 2014 के पहले चुनावी चंदा लेने का और खर्च करने का सोर्स और तरीका क्या था ?
प्रधानमंत्री ने पहली बार चुनावी चंदे को लेकर उठे विवाद पर राय जाहिर की है हम सब जानते हैं कि देश की विपक्षी पार्टियों सुप्रीम कोर्ट के द्वारा चुनावी चंदा लेने संबंधी कानून को गैर कानूनी और गैर संवैधानिक डिक्लेअर करने के बाद सभी विपक्षी पार्टियों बीजेपी पर इलेक्टोरल बांड के बहाने चंदा उगाही के आरोप लगाती रही है विपक्ष का आरोप रहा है की इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मिले संपूर्ण धनराशि का लगभग आधा हिस्सा अकेले बीजेपी के खाते में गया है !और बदले में बीजेपी सरकार ने इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा देने वालों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया है प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है