
अमृतसर 4 नवंबर। पंजाब के अमृतसर शहर में मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर में हमला किया गया। घटना उस समय हुई जब सुखबीर बादल श्री हरमंदिर साहिब के बाहर सेवादार की भूमिका निभा रहे थे। उन्हें मेन गेट पर तैनात किया गया था, जबकि सुखदेव सिंह ढींडसा दूसरी ओर तैनात थे। यह हमला सुबह करीब नौ बजे के आसपास हुआ, जब एक व्यक्ति ने स्वर्ण मंदिर में गोली चलाई। गोली की आवाज सुनते ही संगत में दहशत फैल गई और एक डर का माहौल बन गया। इस हमले में सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए, और उनका शारीरिक रूप से कोई नुकसान नहीं हुआ।
सूत्रों के अनुसार, सुखबीर बादल वर्तमान में पैर में फ्रैक्चर की वजह से कुर्सी पर बैठकर सेवा कर रहे थे। घटना के बाद वहां मौजूद सेवादारों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया। उन्होंने आरोपी का हाथ ऊपर कर दिया, जिससे गोली हवा में चली गई। इस घटना को लेकर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान नारायण सिंह जोड़ा के तौर पर हुई है, जो डेरा बाबा नानक से संबंधित और दल खालसा से जुड़ा हुआ है। आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
सुरक्षा पर सवाल और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना के बाद अकाली दल के नेताओं ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सुखबीर बादल की सुरक्षा में कोताही बरती, जिसके कारण यह हमला हो सका। हालांकि, पुलिस ने अपनी तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने की बात कही है। एडीसीपी हरपाल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सुखबीर बादल को उचित सुरक्षा प्रदान की गई थी और घटनास्थल पर सुरक्षा की सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस को पहले से खुफिया जानकारी मिल चुकी थी कि आरोपी सोमवार को भी श्री हरमंदिर साहिब में नजर आया था, और इसलिए पुलिस उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी।
एडीसीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि गोली किसी को नहीं लगी और आरोपी ने गोली चलाने के बाद गुरु जी को नमन किया। पुलिस ने आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया, और मामले की जांच जारी है। पंजाब पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।
इस हमले के बाद से अमृतसर में सुरक्षा को लेकर और सवाल उठने लगे हैं। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त बल को भी अलर्ट किया गया है।
यह हमला शिरोमणि अकाली दल के लिए एक चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इससे पार्टी की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। अगले कुछ दिनों में इस हमले के बाद की राजनीतिक प्रतिक्रियाओं और पुलिस जांच पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।