
पटना, 6 जून 2025। बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक तीखा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सहयोगी भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में बिहार की बदहाल कानून व्यवस्था, बेरोज़गारी, और राज्य से होने वाले लगातार पलायन पर गंभीर सवाल उठाए और इसे डबल इंजन सरकार की असफलता करार दिया।
20 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी नीतीश जी की डबल इंजन सरकार न तो बिहार को सुरक्षा दे पाई, न सम्मान और न ही विकास।
अपराध, बेरोज़गारी और पलायन – यही नीतीश-BJP सरकार की असली पहचान बन चुकी है।
जनता को लाचार बनाकर सत्ता से चिपके रहना ही इनका एजेंडा है।
नीतीश सरकार ‘न्याय’ नहीं,… https://t.co/2DKC1liGkA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 5, 2025
राहुल के इस ट्वीट ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में लगातार अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं और विपक्ष लगातार सरकार पर विफलताओं का आरोप लगा रहा है।
कानून व्यवस्था पर निशाना
राहुल गांधी के ट्वीट में सबसे प्रमुख मुद्दा कानून व्यवस्था का रहा। उन्होंने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, दलितों के साथ अत्याचार और माफियाओं की सक्रियता का हवाला देते हुए सरकार को पूरी तरह विफल बताया।
हाल ही में वैशाली, गया, और पटना जैसे जिलों में हुई सामूहिक बलात्कार, हत्या और लूट की घटनाएं बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुकी हैं। राहुल गांधी ने इन्हीं घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में आम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है और सत्ता में बैठे लोग मूकदर्शक बने हुए हैं।
बेरोज़गारी और पलायन पर चिंता
राहुल गांधी ने बेरोज़गारी और पलायन को “डबल इंजन सरकार” की सबसे बड़ी असफलता बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के नौजवानों को मजबूरी में दूसरे राज्यों की ओर रुख करना पड़ता है, क्योंकि यहां न तो रोज़गार है और न ही सम्मानजनक जीवन जीने की स्थिति।
यह बयान खासकर उन युवाओं को आकर्षित कर सकता है जो रेलवे, SSC, TET और अन्य परीक्षाओं में लंबे समय से नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्य में छात्र आंदोलन और युवा आक्रोश पहले से ही जमीन तैयार कर रहा है, जिसे यह बयान और हवा दे सकता है।
‘सत्ता बनाम न्याय’ की बहस
राहुल गांधी का यह बयान नीतीश सरकार की राजनीति को केवल ‘सत्ता के लिए राजनीति’ करार देता है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को ‘जनता के न्याय’ से कोई लेना-देना नहीं, बल्कि सिर्फ सत्ता से चिपके रहने में रुचि है।
यह वाक्य राज्य में सामाजिक न्याय की राजनीति के लंबे इतिहास पर सीधा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। नीतीश कुमार खुद को ‘सुशासन बाबू’ और सामाजिक न्याय के समर्थक के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी ने इस छवि को खंडित करने की कोशिश की है।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति का संकेत
राहुल गांधी का यह ट्वीट सिर्फ एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि कांग्रेस की आगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में सीमित सफलता के बाद कांग्रेस अब बिहार जैसे राज्यों पर अपना फोकस बढ़ा रही है, जहां सामाजिक असंतोष और बेरोज़गारी जैसे मुद्दे गहराते जा रहे हैं।
यह बयान 2025 के अंत में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की ओर भी इशारा करता है, जहां कांग्रेस तेजस्वी यादव की पार्टी RJD के साथ गठबंधन में प्रमुख भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी और जेडीयू की प्रतिक्रिया
हालांकि राहुल गांधी के बयान पर अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई व्यक्तिगत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जेडीयू और बीजेपी के प्रवक्ता आक्रामक मुद्रा में आ चुके हैं। भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा:
“राहुल गांधी को बिहार की जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है। वो वही बोलते हैं जो उन्हें स्क्रिप्ट में लिखा मिलता है। बिहार की डबल इंजन सरकार ने विकास के कई रिकॉर्ड कायम किए हैं।”
वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा:
“राहुल गांधी की पार्टी खुद बिहार में खत्म हो चुकी है। वो सिर्फ सोशल मीडिया पर राजनीति करना जानते हैं, जमीन पर नहीं।”
हाल के अपराध और जन असंतोष की पृष्ठभूमि
राहुल गांधी के बयान की पृष्ठभूमि में हाल ही में हुए अपराधों की श्रृंखला भी शामिल है। वैशाली में एक नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या, पटना में माफिया के खुलेआम गोलीबारी, और भागलपुर में व्यापारी की अपहरण कर हत्या जैसी घटनाएं नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा चुकी हैं।
इसके साथ ही पंचायत चुनाव में हिंसा और अधिकारियों पर हमले जैसी घटनाएं भी आम हो चुकी हैं।
आर्थिक स्थिति और केंद्र-राज्य सहयोग पर सवाल
राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन सरकार’ पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि जब दोनों स्तरों पर एक ही गठबंधन की सरकार है, तब भी यदि राज्य विकास नहीं कर पा रहा, तो यह उनकी नीयत पर सवाल खड़ा करता है।
बिहार की जीडीपी में गिरावट, उद्योगों की अनुपस्थिति, और निवेशकों की बेरुखी इस आरोप को बल देती है।
जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय
राहुल गांधी ने कई बार जातीय जनगणना की मांग को समर्थन दिया है। नीतीश कुमार ने इसे कराया जरूर, लेकिन अब उनके बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल खड़ा कर रही है।
राहुल गांधी ने यह जताने की कोशिश की है कि सामाजिक न्याय के नाम पर राजनीति करने वाले दल अब सत्ता के लिए अपने ही उसूलों से समझौता कर चुके हैं।
‘अब बहुत हुआ’ – परिवर्तन का आह्वान
अपने ट्वीट के अंत में राहुल गांधी ने कहा:
“अब बहुत हुआ। समय आ गया है कि हम अन्याय के इस चक्र को तोड़ें और बिहार को सुरक्षा, स्वाभिमान और सम्मान की राह पर आगे ले चलें।”
यह पंक्ति एक राजनीतिक नारा बनने की संभावना रखती है। कांग्रेस इसे आगे के अभियानों में प्रयोग कर सकती है। ‘सुरक्षा’, ‘स्वाभिमान’ और ‘सम्मान’ – तीनों शब्द आम मतदाता की भावनाओं से सीधे जुड़ते हैं।
आने वाले चुनाव की जमीन तैयार?
राहुल गांधी का यह बयान केवल आलोचना नहीं, बल्कि परिवर्तन के लिए राजनीतिक आह्वान है। यह कांग्रेस की बिहार में दोबारा पकड़ बनाने की कोशिश का हिस्सा है।
जहां एक ओर भाजपा-जेडीयू गठबंधन सत्ता में है, वहीं महागठबंधन में दरारें स्पष्ट दिख रही हैं। ऐसे में कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे को आगे कर बिहार में खुद को एक निर्णायक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।
हालांकि, ज़मीनी समर्थन और संगठनात्मक मज़बूती अभी कांग्रेस के लिए चुनौती है, लेकिन ऐसे बयानों से वह जन विमर्श में खुद को पुनः स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
बिहार की राजनीति में यह बयान केवल एक ट्वीट नहीं, बल्कि संभावित परिवर्तन का संकेत है। राहुल गांधी का यह सीधा हमला न केवल नीतीश सरकार की विफलताओं को उजागर करता है, बल्कि कांग्रेस की भविष्य की रणनीति का आधार भी तैयार करता है।
बिहार की जनता अब क्या फैसला लेती है, यह आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा।