नई दिल्ली, 07 दिसंबरl कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली की ओर शांतिपूर्वक बढ़ रहे किसानों को बलपूर्वक रोके जाने पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों को तुरंत बातचीत के लिए बुलाने और संसद के मौजूदा सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून पारित करने की मांग की।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस वार्ता में कहा कि 2021 में किसान आंदोलन के दौरान मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करते समय एमएसपी की कानूनी गारंटी का वादा किया था। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी के पास फिल्म देखने का वक्त है, लेकिन किसानों से मिलने का समय नहीं है।”
किसानों को रोकने पर सरकार पर निशाना
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को रोकने के लिए सरकार ने बॉर्डर्स पर बैरिकेड्स, कीलें और तारें लगाकर उनके रास्ते बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा, “देश का अन्नदाता अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली आना चाहता है, लेकिन उन्हें बलपूर्वक रोका जा रहा है। यह किसानों के अधिकारों का हनन है।”
उन्होंने कहा कि किसान सिर्फ शांति और संवाद की उम्मीद लेकर दिल्ली आना चाहते हैं ताकि वे केंद्र सरकार को अपना वादा याद दिला सकें। कांग्रेस ने इस रवैये को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए सरकार को चेतावनी दी कि किसानों के धैर्य का और अधिक परीक्षण न किया जाए।
एमएसपी और किसानों की वास्तविकता: सरकारी दावे बनाम सच
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मोदी सरकार के एमएसपी के दावों को झूठा करार देते हुए इसके पीछे के तथ्यों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार का दावा है कि पर्याप्त मात्रा में फसलों की खरीद एमएसपी पर की जा रही है, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है।
फसलों की खरीद के आंकड़े
सुरजेवाला ने बताया कि 2023-24 में रबी फसलों की खरीद निम्नलिखित रही:
- गेहूं: कुल उत्पादन का केवल 23.20%
- चना: 0.37%
- मसूर: 14.08%
- सरसों: 9.19%
- जौ और कुसुम: कोई खरीद नहीं
उन्होंने कहा, “यह आंकड़े दर्शाते हैं कि एमएसपी का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच रहा।” उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ छल करने का आरोप लगाया।
सीएसीपी के सामने राज्यों की मांगें खारिज
सुरजेवाला ने खुलासा किया कि भाजपा शासित राज्यों ने भी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी किसानों की लागत के अनुरूप नहीं है।
महाराष्ट्र: गेहूं की लागत ₹3,527 प्रति क्विंटल बताई और समर्थन मूल्य ₹4,461 प्रति क्विंटल की मांग की।
महाराष्ट्र: चने की लागत ₹5,402 प्रति क्विंटल और समर्थन मूल्य ₹7,119 प्रति क्विंटल की मांग की।
लेकिन केंद्र सरकार ने इन मांगों को खारिज कर दिया। सुरजेवाला ने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार किसानों को उनकी लागत भी वसूलने का अवसर नहीं दे रही।
किसानों की आर्थिक दुर्दशा और एमएसपी गारंटी की जरूरत
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश, जो देश के दो सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य हैं, वहां सोयाबीन किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
केंद्र सरकार ने सोयाबीन की लागत ₹3,261 प्रति क्विंटल तय की और समर्थन मूल्य ₹4,892 प्रति क्विंटल घोषित किया।लेकिन वास्तविकता यह है कि सोयाबीन ₹4,000 प्रति क्विंटल से भी कम में बिक रही है।
उन्होंने कहा कि यह किसानों की दुर्दशा और एमएसपी की कानूनी गारंटी की अनिवार्यता को दर्शाता है।
सरकार का अदालत में शपथ पत्र और स्वामीनाथन आयोग की अनदेखी
सुरजेवाला ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में झूठे दावे करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अदालत में शपथ पत्र देकर कहा कि किसानों को लागत मूल्य के ऊपर 50% जोड़कर एमएसपी देना बाजार को नुकसान पहुंचा सकता है।
यह दावा सरकार के उन बयानों के विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि किसानों को लागत प्लस 50% के हिसाब से एमएसपी दिया जा रहा है।
सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी मानने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस की मांगें: किसानों को न्याय और संसद में एमएसपी कानून
कांग्रेस महासचिव ने सरकार से किसानों के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत करने और संसद सत्र के दौरान एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश का किसान अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उनकी आवाज सुने।
प्रधानमंत्री को दिया वादा याद दिलाया
सुरजेवाला ने कहा, “2021 में तीन कृषि कानूनों को वापस लेते समय मोदी सरकार ने एमएसपी कानून लाने का वादा किया था। आज किसान उसी वादे को याद दिलाने आए हैं। सरकार को अब इस वादे को पूरा करना चाहिए।”
कांग्रेस की चेतावनी
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को अनसुना किया, तो पार्टी उनके संघर्ष में उनका साथ देगी। सुरजेवाला ने कहा, “देश का किसान अन्नदाता है। यदि सरकार ने उनकी उपेक्षा की, तो यह लोकतंत्र और सामाजिक न्याय दोनों के लिए खतरा होगा।”
सरकार से सकारात्मक कदमों की अपील
कांग्रेस ने मोदी सरकार से अपील की है कि किसानों को बलपूर्वक रोकने के बजाय उनके साथ संवाद स्थापित करें। एमएसपी की कानूनी गारंटी न केवल किसानों के जीवन को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। कांग्रेस ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाना देश की प्राथमिकता होनी चाहिए और सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए।
