मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निरीक्षण, समय पर निर्माण का निर्देश
प्रयागराज 8 दिसंबर। नैनी के अरैल क्षेत्र में बन रहा शिवालय पार्क भारतीय संस्कृति, मंदिरों की कला और पुराणों की महिमा को समर्पित एक अद्वितीय स्थल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर को इस परियोजना का निरीक्षण करते हुए निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। 14 करोड़ रुपये की लागत से 11 एकड़ भूमि पर निर्मित हो रहा यह पार्क महाकुंभ मेले की शोभा को बढ़ाने के साथ-साथ आगंतुकों को एक अनूठा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा।
शिवालय पार्क को भारत के धार्मिक मानचित्र का रूप दिया गया है, जिसमें देश के प्रमुख मंदिरों के प्रतिरूप शामिल किए जा रहे हैं। इसके निर्माण में पुरानी परंपराओं और आधुनिक तकनीक का समन्वय देखने को मिलेगा। यह पार्क पर्यावरण संरक्षण और कला की अद्भुत मिसाल पेश करेगा, जिसमें वेस्ट मटीरियल का उपयोग प्रमुख आकर्षण होगा।
पार्क की विशेषताएं: कला, प्रकृति और मनोरंजन का संगम
भारत के नक्शे के आकार में डिज़ाइन
शिवालय पार्क को विशेष रूप से भारत के नक्शे के आकार में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिरों के प्रतिरूप उनके भौगोलिक स्थानों पर बनाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से आगंतुक इन मंदिरों की यात्रा का आभास कर सकेंगे। पार्क में 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रमुख शिव मंदिरों के प्रतिरूप तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें सोमनाथ, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर, और नागेश्वर मंदिर जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं।
संजीवनी वन और तुलसी वन
पार्क में दो प्रमुख वन क्षेत्रों का निर्माण किया जा रहा है:
1. संजीवनी वन: आयुर्वेदिक और औषधीय पौधों से युक्त यह वन पर्यटकों को प्रकृति की गोद में स्वास्थ्य और ज्ञान का अनुभव कराएगा।
2. तुलसी वन: तुलसी के पौधों से सुसज्जित यह वन धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व को रेखांकित करेगा।
बच्चों के लिए अलग जोन और मनोरंजन की सुविधाएं
पार्क में बच्चों के लिए विशेष खेल क्षेत्र बनाया जा रहा है, जहां वे सुरक्षित और मनोरंजक समय बिता सकेंगे। इसके अलावा, यहां एक फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी बनाया जा रहा है, जो परिवारों के लिए एक आदर्श पिकनिक स्थल बन जाएगा।
वेस्ट मटीरियल से निर्माण: पर्यावरणीय संरक्षण की मिसाल
पार्क के निर्माण में वेस्ट मटीरियल का प्रमुखता से उपयोग किया जा रहा है, जो इसे पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक अनूठा उदाहरण बनाता है। निर्माण कार्य को पूरा करने वाली कंपनी जेड टेक इंडिया लिमिटेड ने न केवल निर्माण की जिम्मेदारी ली है, बल्कि अगले तीन वर्षों तक इसके रखरखाव का दायित्व भी संभाला है।

मुख्यमंत्री का विज़न और निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवालय पार्क को उत्तर प्रदेश में पर्यटन और संस्कृति का एक नया आयाम बताया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों की प्रगति की सराहना की और इसे समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह पार्क न केवल महाकुंभ की शोभा बढ़ाएगा, बल्कि पर्यटकों के लिए एक स्थायी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
12 ज्योतिर्लिंग और प्रमुख मंदिरों के प्रतिरूप
शिवालय पार्क में 12 ज्योतिर्लिंगों और अन्य महत्वपूर्ण शिव मंदिरों के प्रतिरूप बनाए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप:
1. सोमनाथ मंदिर (गिर सोमनाथ, गुजरात)
2. मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश)
3. महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
4. ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा, मध्य प्रदेश)
5. बैद्यनाथ मंदिर (देवघर, झारखंड)
6. भीमाशंकर मंदिर (भीमाशंकर, महाराष्ट्र)
7. रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
8. नागेश्वर मंदिर (द्वारका, गुजरात)
9. काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
10. त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक, महाराष्ट्र)
11. केदारनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड)
12. घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)
अन्य प्रमुख शिव मंदिरों के प्रतिरूप:
1. बैजनाथ मंदिर (हिमाचल प्रदेश)
2. पशुपतिनाथ मंदिर (काठमांडू, नेपाल)
3. लिंगराज मंदिर (भुवनेश्वर, ओडिशा)
4. वीरभद्र मंदिर (लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश)
5. शोर मंदिर (महाबलीपुरम, तमिलनाडु)
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
शिवालय पार्क भारत की धार्मिक विरासत को समर्पित है। यह स्थल न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय कला और वास्तुकला की भव्यता को भी प्रदर्शित करेगा।
भविष्य की संभावनाएं
शिवालय पार्क के निर्माण से प्रयागराज को एक नई पहचान मिलेगी। यह परियोजना न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी। महाकुंभ मेले के दौरान यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आकर्षण होगा।
शिवालय पार्क भारतीय मंदिरों की महिमा और पुराणों की समृद्धि को संजोने का एक अनूठा प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व क्षमता और प्रदेश सरकार की विकासशील सोच इस परियोजना में स्पष्ट झलकती है। शिवालय पार्क एक ऐसी धरोहर बनेगा, जो आने वाली पीढ़ियों को भारत की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व की याद दिलाएगा।
