
GST दरों में कमी का ऐलान, लेकिन कांग्रेस ने उठाए व्यापक सुधार के सवाल
नई दिल्ली, 9 मार्च। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कमी की घोषणा के बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस पहल को अपर्याप्त करार दिया है। कांग्रेस के महासचिव (संचार) और सांसद जयराम रमेश ने एक विस्तृत बयान जारी कर केंद्र सरकार की GST नीतियों की जटिलताओं को उजागर किया और व्यापक कर सुधारों की मांग की।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल चुनिंदा वस्तुओं, जैसे कैरामेल पॉपकॉर्न, पर टैक्स दर घटाने की बात कर रही है, लेकिन पॉपकॉर्न पर ही तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब लागू होने जैसी जटिलताएं बनी हुई हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि केवल दरों में कटौती ही नहीं, बल्कि एक पूर्ण रूप से सरलीकृत और प्रभावी ‘GST 2.0’ लागू करने की जरूरत है।
GST की जटिल संरचना: मौजूदा प्रणाली की कमियां
1. कर स्लैब की बहुलता से बढ़ी समस्याएं
वर्तमान GST प्रणाली में कर स्लैब की अधिकता और उलझनें कर चोरी, प्रशासनिक बोझ और अनुपालन में कठिनाइयों को बढ़ा रही हैं। जयराम रमेश ने उदाहरण देते हुए कहा कि पॉपकॉर्न पर तीन अलग-अलग टैक्स दरें हैं, वहीं क्रीम बन और साधारण बन पर भी अलग-अलग टैक्स लागू किए गए हैं। यह कर संरचना इतनी जटिल हो चुकी है कि इसे समझना और पालन करना कठिन हो गया है।
उन्होंने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि GST प्रणाली में उपकरों (cesses) को मिलाकर करीब 100 प्रकार की अलग-अलग दरें मौजूद हैं।
इस तरह की जटिलता न केवल व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि इससे सरकार के कर राजस्व को भी नुकसान हो रहा है।
2. GST चोरी का बढ़ता खतरा
कांग्रेस नेता ने कहा कि जटिल कर ढांचे और कड़े अनुपालन नियमों की वजह से भारत में GST चोरी अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच चुकी है। उन्होंने सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 2.01 लाख करोड़ रुपये की GST चोरी दर्ज की गई, जो 2022-23 में 1.01 लाख करोड़ रुपये थी। यानी, एक साल में चोरी की राशि लगभग दोगुनी हो गई।
अब तक 18,000 फर्जी कंपनियों का खुलासा हुआ है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ का वादा किया था, लेकिन आज की स्थिति में यह न तो ‘गुड’ है और न ही ‘सिंपल’ बल्कि व्यापार और प्रशासनिक तंत्र के लिए एक भारी चुनौती बन चुका है।
GST प्रणाली में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) धोखाधड़ी और टैक्स रिफंड का संकट
1. धोखाधड़ी से प्रभावित टैक्स रिफंड प्रक्रिया
पिछले कुछ महीनों में सरकार का शुद्ध GST संग्रह घटा है, जिसका एक बड़ा कारण टैक्स रिफंड में हुई भारी बढ़ोतरी है। दिसंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, रिफंड समायोजन के बाद शुद्ध GST संग्रह की वृद्धि दर घटकर मात्र 3.3% रह गई।
रिफंड में इस वृद्धि का एक हिस्सा वैध हो सकता है, लेकिन कांग्रेस ने आशंका जताई है कि बड़ी मात्रा में फर्जी रिफंड के मामले सामने आ सकते हैं। इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से जुड़े फर्जीवाड़े में अब तक ₹35,132 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी जा चुकी है, लेकिन इस राशि की वसूली दर मात्र 12% ही रही है।
2. नकली कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी
GST प्रणाली की कमजोरियों के कारण कई फर्जी कंपनियां बिना किसी वास्तविक व्यापार के पंजीकरण करा रही हैं और बड़े पैमाने पर टैक्स रिफंड प्राप्त कर रही हैं। न्यूनतम सत्यापन और भौतिक जांच की कमी के चलते ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया का दुरुपयोग हो रहा है। कई कंपनियां ऐसे निर्यातों पर भी टैक्स रिफंड का दावा कर रही हैं, जो इन लाभों के लिए पात्र ही नहीं हैं।
आवश्यक वस्तुओं पर ऊंची GST दरों की समीक्षा की जरूरत
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार गरीब और मध्यम वर्ग पर अप्रत्यक्ष करों का बोझ बढ़ा रही है। इसके उदाहरणस्वरूप उन्होंने शिक्षा क्षेत्र का हवाला दिया:
1. शैक्षणिक पाठ्यपुस्तकों और स्टेशनरी पर GST लगाया जा रहा है।
2. स्कूल यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, और अन्य शैक्षणिक सामग्री भी GST के दायरे में है।
3. कॉलेज द्वारा विश्वविद्यालय को दी जाने वाली संबद्धता फीस और डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रमों पर 18% कर लगाया गया है।
कांग्रेस ने मांग की है कि शिक्षा से जुड़ी सेवाओं और उत्पादों को GST से मुक्त किया जाना चाहिए ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को राहत मिले।
GST 2.0 की जरूरत और कांग्रेस का प्रस्तावित समाधान
1. टैक्स स्लैब में कटौती और सरलीकरण
कांग्रेस ने प्रस्ताव दिया है कि वर्तमान 5%, 12%, 18% और 28% के चार टैक्स स्लैब को सरल बनाकर सिर्फ दो या तीन स्लैब में समाहित किया जाए।
2. कर चोरी रोकने के लिए मजबूत अनुपालन प्रणाली
व्यापार पंजीकरण के दौरान फर्जी कंपनियों को रोकने के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया लागू की जाए। इनवॉइस और सप्लाई चेन ट्रैकिंग को डिजिटल रूप से मजबूत किया जाए ताकि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट दावे रोके जा सकें
3. आवश्यक वस्तुओं पर कर कटौती
कांग्रेस ने मांग की है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी जरूरतों से जुड़ी वस्तुओं पर करों को या तो समाप्त किया जाए या न्यूनतम दर पर लाया जाए।
4. ITC धोखाधड़ी रोकने के लिए सुधार
फर्जी GST रिफंड के मामलों की ऑडिटिंग तेज की जाए।
दोषी कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
क्या सरकार उठाएगी यह ऐतिहासिक कदम?
कांग्रेस ने अपने 2024 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में ‘GST 2.0’ का वादा किया था। पार्टी ने एक व्यापक सुधार की रूपरेखा प्रस्तुत की है, जिसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार के पास संसाधन और समय दोनों मौजूद हैं।
GST मुआवजा उपकर के वित्तीय लक्ष्य लगभग पूरे हो चुके हैं, जिससे अब एक सरलीकृत कर प्रणाली लागू करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अब यह केंद्र सरकार के ऊपर है कि वह इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाती है या नहीं।
वर्तमान GST प्रणाली न केवल जटिल है, बल्कि इसकी कमजोरियां कर चोरी को बढ़ावा दे रही हैं। कांग्रेस का मानना है कि केवल दरों में कमी से समस्याओं का समाधान नहीं होगा, बल्कि एक व्यापक और संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता है।
यदि सरकार सच में ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, तो उसे GST 2.0 की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। अन्यथा, यह सिर्फ दिखावटी सुधार बनकर रह जाएगा।