
नई दिल्ली, 12 अप्रैल। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहमदाबाद में आयोजित बैठक ऐतिहासिक साबित हुई। इस बैठक में कांग्रेस की केंद्रीय इकाई, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने पार्टी के विचारों और नीतियों को प्रभावशाली तरीके से जनमानस तक पहुँचाने के उद्देश्य से “अहमदाबाद प्रस्ताव” पारित किया। प्रस्ताव के ज़रिए यह तय किया गया कि देश भर में कांग्रेस एक संगठित और सुनियोजित जनसंपर्क अभियान शुरू करेगी ताकि आम जनता को यह बताया जा सके कि पार्टी किन विचारों, आदर्शों और लक्ष्यों के साथ देश की सेवा करना चाहती है। यह सिर्फ एक वैचारिक दस्तावेज नहीं बल्कि एक सक्रिय राजनीतिक औज़ार के रूप में देखा जा रहा है।
संगठनात्मक क्रियान्वयन और आंतरिक प्रशिक्षण की रणनीति
AICC के इस निर्णय के तहत कांग्रेस पार्टी के सभी प्रदेश, ज़िला और ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्रस्ताव की गहराई से समझ देने के लिए 10-दिवसीय आंतरिक सक्रियता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत डीसीसी (जिला कांग्रेस कमेटी) अध्यक्षों के ओरिएंटेशन से होगी, जिसमें उन्हें सांगठनिक दृष्टिकोण से मीडिया, डिजिटल प्रचार, सामाजिक संवाद और जन अभियान के नए तरीके सिखाए जाएंगे। यह ओरिएंटेशन पार्टी के पॉलिटिकल अफेयर्स डिपार्टमेंट (पीएडी) द्वारा पीपीटी प्रेजेंटेशन, इंफोग्राफिक्स और प्री-रिकॉर्डेड वीडियो के माध्यम से आयोजित किया जाएगा।
कंटेंट निर्माण और सूचना का डिजिटलीकरण
प्रस्ताव के प्रभावी प्रचार के लिए कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय सोशल मीडिया टीम प्रत्येक डीसीसी को हिंदी और अन्य प्रादेशिक भाषाओं में तैयार सामग्रियों के साथ डिजिटल टूल्स उपलब्ध कराएगी। इसमें स्लाइड प्रजेंटेशन, तथ्यों पर आधारित प्रश्नोत्तर (FAQs), उद्धरण, ऑडियो-विज़ुअल कंटेंट, और सोशल मीडिया पोस्ट शामिल होंगे। उद्देश्य यह है कि प्रत्येक कार्यकर्ता न केवल प्रस्ताव की जानकारी रखे, बल्कि उसे आम लोगों तक असरदार तरीके से पहुँचा भी सके।
जिला स्तर पर जन संवाद और कार्यकर्ता सम्मेलन
प्रत्येक जिला कांग्रेस कमेटी को निर्देश दिया गया है कि वे आने वाले दिनों में अपने-अपने जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करें, जिसमें ब्लॉक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवा दल आदि की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इन सम्मेलनों के माध्यम से न केवल पार्टी की विचारधारा साझा की जाएगी, बल्कि जमीनी स्तर पर पार्टी की मौजूदगी को भी मज़बूत किया जाएगा। इस प्रक्रिया में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाएगा।
सोशल मीडिया और डिजिटल कैम्पेन का प्रसार
सोशल मीडिया को इस अभियान का केंद्र बिंदु माना गया है। कांग्रेस की आईटी और डिजिटल कमेटियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने ट्विटर हैंडल, फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम, यूट्यूब चैनल और वाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से प्रतिदिन प्रस्ताव की प्रमुख बातें साझा करें। डिजिटल स्लोगन्स, उद्धरण, ग्राफिक्स और नेता के वक्तव्यों को इस तरह प्रसारित किया जाए कि वे जन-जन तक पहुंचें और बातचीत की विषयवस्तु बनें।
पैम्फलेट और घोषणापत्र का जन वितरण
प्रत्येक डीसीसी को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि वे प्रस्ताव पर आधारित पैम्फलेट्स और घोषणापत्र का जन वितरण सुनिश्चित करें। इनका उद्देश्य यह है कि आम जनता यह समझ सके कि कांग्रेस किस दृष्टिकोण से देश के भविष्य की बात कर रही है। साथ ही, भाजपा/एनडीए शासन की असफलताओं, आर्थिक विषमता, जातीय वैमनस्य, बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों को कांग्रेस के वैकल्पिक दृष्टिकोण के साथ सामने रखा जाए।
स्थानीय मीडिया की भागीदारी और संवाद
कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव के प्रचार-प्रसार में स्थानीय मीडिया की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। डीसीसी अध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र के प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के साथ संवाद स्थापित करें और प्रेस कॉन्फ्रेंस, लेख, टीवी डिबेट्स आदि के माध्यम से जनजागरण करें। यह संवाद स्थानीय भाषाओं में होना चाहिए ताकि संदेश अधिक गहराई से लोगों तक पहुँचे।
सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक मंचों पर प्रस्तुति
प्रस्ताव के प्रचार को सीमित नहीं रखा जाएगा। इसके तहत प्रमुख सामाजिक आयोजनों, धार्मिक मेलों, पंचायत बैठकों, सांस्कृतिक समारोहों और ग्रामीण उत्सवों में भी प्रस्ताव के बिंदुओं को प्रस्तुत किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि जनता तक पहुँचने के लिए केवल राजनीतिक मंचों का प्रयोग पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग से जुड़ने के लिए उसके परंपरागत संवाद स्थलों पर भी पहुंचना ज़रूरी है।
ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों तक संदेश विस्तार
कांग्रेस ने विशेष रूप से ग्रामीण, दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने पर ज़ोर दिया है। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर तक विशेष सभाओं और चौपालों का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ग़रीबी से प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल वैन और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संवाद स्थापित किया जाएगा। पार्टी का उद्देश्य है कि कोई भी नागरिक अपने अधिकारों और कांग्रेस की वैकल्पिक नीतियों से अनभिज्ञ न रहे।
आगे की रणनीति
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का यह अहमदाबाद प्रस्ताव केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व पार्टी के वैचारिक, सांगठनिक और जनसंवेदनशीलता को व्यक्त करने का एक ठोस माध्यम है। इस प्रस्ताव के ज़रिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह सिर्फ अतीत की विरासत नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा देने वाली पार्टी है। K.C. वेणुगोपाल के हस्ताक्षरित इस निर्देश पत्र ने देशभर की कांग्रेस इकाइयों को एक साथ जोड़ते हुए एक राष्ट्रव्यापी अभियान का संकेत दे दिया है, जिससे भारतीय राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत हो सकती है।