
आरएसएस-भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी: खरगे
खरगे ने कहा, जिला अध्यक्ष पार्टी के अग्रिम पंक्ति के सेनापति हैं
नई दिल्ली, 27 मार्च: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को 13 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक को संबोधित किया। इस बैठक का उद्देश्य पार्टी संगठन को मजबूत करना और भाजपा-आरएसएस के खिलाफ कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई को और धार देना था।
खरगे ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि कांग्रेस केवल चुनावी राजनीति नहीं कर रही है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र, संविधान और स्वतंत्र संस्थाओं को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल संसद तक सीमित नहीं हो सकती, बल्कि इसे जमीन और सड़कों तक ले जाना होगा।
2024 के लोकसभा चुनाव और इंडिया गठबंधन का विश्लेषण
खरगे ने 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन ने भाजपा को 240 सीटों पर सीमित कर दिया। कांग्रेस ने लगभग 100 सीटें जीतीं, लेकिन अगर गठबंधन और मेहनत करता तो 20-30 और सीटें जीत सकता था।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल संख्याओं की नहीं थी, बल्कि अगर कांग्रेस और उसके सहयोगी बेहतर प्रदर्शन करते, तो देश में वैकल्पिक सरकार बन सकती थी। इससे न केवल संवैधानिक संस्थाओं को बचाया जा सकता था, बल्कि लोकतंत्र को कमजोर करने वाली नीतियों पर भी अंकुश लगाया जा सकता था।
आर्थिक स्थिति और सामाजिक असमानता पर कांग्रेस का रुख
कांग्रेस अध्यक्ष ने देश की आर्थिक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की नीतियों ने अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया है। अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। बेरोजगारी अपने चरम पर है और महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है।
खरगे ने बताया कि घरेलू बचत दर दशकों में सबसे कम स्तर पर पहुँच गई है। उन्होंने इसे देश की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया। कांग्रेस का मानना है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण केवल कुछ उद्योगपतियों को फायदा हो रहा है, जबकि आम आदमी संघर्ष कर रहा है।
जाति जनगणना की मांग और सामाजिक न्याय
बैठक के दौरान खरगे ने जाति जनगणना की मांग को दोहराया। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना से समाज में हाशिए पर मौजूद समुदायों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और उनके लिए नीतियाँ बनाना आसान होगा।
राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस का संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन भी है। पार्टी का लक्ष्य एक ऐसा भारत बनाना है, जहाँ हर नागरिक को समान अवसर मिले और कोई भी भेदभाव का शिकार न हो।
विदेश नीति पर सरकार की विफलता और भाजपा की रणनीति
कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की विदेश नीति की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और अन्य देशों ने भारत के नागरिकों का अपमान किया है और काउंटर-टैरिफ लगाकर भारत को नुकसान पहुँचाया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केवल सांप्रदायिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इससे जनता का ध्यान बुनियादी समस्याओं से भटक रहा है। खरगे ने कहा कि कांग्रेस का फोकस इस बात पर रहेगा कि जनता के असली मुद्दों को उठाया जाए और भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब दिया जाए।
जिला अध्यक्षों की भूमिका और पार्टी संगठन का महत्व
खरगे ने बैठक में मौजूद जिला कांग्रेस अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि वे सिर्फ संदेशवाहक नहीं हैं, बल्कि पार्टी के सेनापति हैं। उनकी भूमिका केवल पार्टी के निर्देशों को लागू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे कांग्रेस के विचारों को जमीन पर उतारने वाले असली नेता हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा बहुत मजबूत है, लेकिन सत्ता के बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता। इसलिए हर कार्यकर्ता को संगठन को मजबूत करने और कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए मेहनत करनी होगी।
चुनावी रणनीति और मतदाता सूची प्रबंधन
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि भाजपा कैसे मतदाता सूची में विसंगतियाँ बढ़ा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया कि वे इस समस्या पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से न काटा जाए।
इसके अलावा, उन्होंने आगामी असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के चुनावों पर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह जिला कांग्रेस अध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने जिलों में पार्टी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करें।
कांग्रेस की विचारधारा और भाजपा-आरएसएस के खिलाफ लड़ाई
बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस की विचारधारा को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ भाजपा-आरएसएस का विरोध नहीं कर रही है, बल्कि एक समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य एक ऐसा भारत बनाना है जहाँ हर नागरिक को समान अवसर मिले, न्याय मिले और किसी के साथ भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि एक वैचारिक संघर्ष भी है, जिसे कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी।
कांग्रेस की रणनीति और आगे की राह
बैठक के अंत में, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बताया कि इस बैठक में कुल 338 जिला अध्यक्षों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि बैठक दोतरफा संवाद का हिस्सा थी, जहाँ न केवल वरिष्ठ नेताओं ने बात की, बल्कि जिला अध्यक्षों को भी अपनी समस्याएँ और सुझाव रखने का अवसर मिला।
कांग्रेस अब पूरी तरह से जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और भाजपा-आरएसएस के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के मूड में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस बैठक में लिए गए निर्णयों को कैसे लागू करती है और आने वाले चुनावों में इसका कितना प्रभाव पड़ता है।