
नई दिल्ली, 25 मई। केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अपनाते हुए कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट पर कई गंभीर आरोप लगाए। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संघर्ष विराम के दावे, पहलगाम आतंकी हमला, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस नेता प्रणीति शिंदे ने विस्तृत सवाल उठाए और सरकार की चुप्पी को भारत की कमजोरी के रूप में प्रस्तुत किया।
ट्रंप के दावे पर मोदी सरकार की चुप्पी
प्रणीति शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा, कि भारत को संघर्ष विराम के लिए मजबूर किया गया, अत्यंत अपमानजनक है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। उनका आरोप था कि सरकार की चुप्पी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को कमजोर किया और यह संकेत दिया कि हम बाहरी दबावों के आगे झुकते हैं।
पहलगाम हमले के आतंकवादियों का सवाल
कांग्रेस ने सीधे पूछा कि पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के पीछे जिन आतंकियों का हाथ था, वे कहां हैं। शिंदे ने कहा कि हमले को हफ्तों बीत चुके हैं, लेकिन न तो कोई गिरफ्तारी हुई और न ही कोई ठोस कार्रवाई सामने आई। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या यह नाकामी भारतीय सुरक्षा तंत्र की कमजोरी का संकेत नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर, जिसे मोदी सरकार ने बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया, कांग्रेस की नजर में दिखावे और आत्मप्रशंसा का जरिया बनकर रह गया। शिंदे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने इस सैन्य कार्रवाई को अपनी छवि चमकाने के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन वास्तविक जवाबदेही से बचते रहे।
अमेरिका के व्यापारिक दबाव का असर
कांग्रेस का आरोप है कि अमेरिका ने भारत पर व्यापारिक और कूटनीतिक दबाव बनाकर संघर्ष विराम के लिए मजबूर किया। शिंदे ने पूछा, “क्या सरकार ने इस दबाव की जानकारी पहले से संसद और जनता के साथ साझा की? अगर नहीं, तो क्यों नहीं?” उन्होंने इसे पारदर्शिता की कमी और रणनीतिक विफलता बताया।
विदेश मंत्री की भूमिका पर सवाल
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की भूमिका पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए। पार्टी का आरोप है कि जयशंकर ने पाकिस्तान को भारतीय हमले की पूर्व सूचना देकर रणनीतिक बढ़त गंवाई। शिंदे ने पूछा, “इससे भारतीय सुरक्षा बलों को कितना नुकसान हुआ? क्या इससे हमारी खुफिया और सैन्य तैयारियां प्रभावित हुईं?”
सेना और जनता के मनोबल पर असर
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि डोनाल्ड ट्रंप के संघर्ष विराम की घोषणा और भारत की चुप्पी से सेना और जनता का मनोबल गिरा। शिंदे ने कहा कि जब नेतृत्व स्पष्ट और मजबूत नहीं होता, तो सैनिकों और नागरिकों को यह संदेश जाता है कि सरकार उनके साथ खड़ी नहीं है।
ऐतिहासिक संदर्भ में तुलना
शिंदे ने 1971 के युद्ध का उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमेरिका के दबाव में न आकर पाकिस्तान को ऐतिहासिक सरेंडर के लिए मजबूर किया था। उन्होंने कहा, “आज मोदी सरकार उसी आत्मविश्वास और दृढ़ता का प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रही?”
प्रधानमंत्री की जवाबदेही पर सवाल
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के संसद की विशेष बैठक न बुलाने और सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने पर सवाल उठाया। शिंदे ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति और चुप्पी गंभीर प्रश्न खड़े करती है — आखिर वे क्या छुपा रहे हैं?
राहुल गांधी का पुंछ दौरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी में जान गंवाने वाले परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने उनके साहस और हिम्मत की सराहना की और कहा कि इन परिवारों की मांगों और मुद्दों को वे राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे।
आज पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मिला।
टूटे मकान, बिखरा सामान, नम आंखें और हर कोने में अपनों को खोने की दर्द भरी दास्तान – ये देशभक्त परिवार हर बार जंग का सबसे बड़ा बोझ साहस और गरिमा के साथ उठाते हैं। उनके हौसले को सलाम है।
पीड़ित… pic.twitter.com/CIDEXmqXxG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2025
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
राहुल गांधी ने पुंछ में मंदिर, गुरुद्वारा और मदरसे का दौरा कर कहा, “यहां हर धर्म के लोग साथ रहते हैं, साथ दुख सहते हैं। यही असली हिंदुस्तान है — सौहार्द, एकता और देशप्रेम की मिसाल।” उन्होंने कहा कि हमें बांटने और तोड़ने की कोशिश करने वाले कभी सफल नहीं होंगे।
आज, पुंछ में पाकिस्तानी हमलों से प्रभावित मंदिर, गुरुद्वारा और मदरसे में गया।
यहां हर धर्म के लोग साथ रहते हैं, साथ दुख सहते हैं।
यही पुंछ है – यही हिंदुस्तान है, जहां सौहार्द है, एकता है, देशप्रेम है।
हमें बांटने और तोड़ने की कोशिश करने वाले कभी सफल नहीं होंगे – हम हमेशा… pic.twitter.com/MP1R9Ic1o9
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2025
सरकार की पारदर्शिता पर हमला
कांग्रेस ने कहा कि आज देश को स्पष्टता, पारदर्शिता और निर्णायक नेतृत्व की जरूरत है। शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्क्रिप्टेड भाषण और प्रायोजित चुप्पी से काम नहीं चला सकते। जनता को ईमानदार, ठोस और स्पष्ट जवाब चाहिए।
जनता की अपेक्षाओं का सवाल
कांग्रेस ने अंत में कहा कि जनता को अब भरोसा चाहिए — न सिर्फ सैन्य कार्रवाई में सफलता का दावा, बल्कि ठोस परिणाम, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत स्थिति का प्रदर्शन। पार्टी ने मांग की कि सरकार इन सभी मामलों पर संसद में खुलकर जवाब दे और देश को सच्चाई बताए।
इस तरह, कांग्रेस ने अपनी प्रेस वार्ता में मोदी सरकार पर चौतरफा हमला किया, राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति और घरेलू जवाबदेही जैसे बड़े सवालों को उठाकर बहस को गर्मा दिया है। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर राजनीतिक हलकों में घमासान तेज होने की पूरी संभावना है।