
नई दिल्ली, 21 दिसंबर। कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ बड़ा राजनीतिक अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। पार्टी ने इसे संविधान और बाबा साहेब के सम्मान का मुद्दा बताते हुए कहा कि इस अपमान का विरोध राष्ट्रव्यापी स्तर पर किया जाएगा। कांग्रेस ने 24 दिसंबर को ‘बाबा साहेब अंबेडकर सम्मान मार्च’ के माध्यम से हर जिले में विरोध प्रदर्शन करने और राष्ट्रपति के नाम अमित शाह के इस्तीफे की मांग का ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है।
कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह 2024 के आम चुनाव में जनता के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह बयान उनकी कुंठा को दर्शाता है। जब जनता ने इनके ‘400 पार’ और ‘संविधान बदलने’ के सपनों को तोड़ा, तो यह आक्रोश उनके शब्दों में झलका। अमित शाह का बयान गलती नहीं था। अगर ऐसा होता तो अब तक माफी मांग ली जाती। इसके बजाय भाजपा नेता इस बयान को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनकी असली नीयत को उजागर करता है।”
Our agitation demanding Home Minister Amit Shah’s resignation will continue! We will fight to protect Dr. Babasaheb Ambedkar’s legacy against the Manusmriti worshippers!
INC will mark the upcoming week as Dr. Ambedkar Samman Saptah.
All INC MPs, Senior Leaders & CWC Members…
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) December 21, 2024
खेड़ा ने कहा कि भाजपा नेताओं के इस रवैये से स्पष्ट है कि उन्हें डॉ. अंबेडकर के विचारों और उनकी भूमिका से कोई सहानुभूति नहीं है। “यह टिप्पणी बाबा साहेब के साथ-साथ संविधान का अपमान है। अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई खेद प्रकट नहीं किया गया है,” खेड़ा ने कहा।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन और कार्ययोजना
कांग्रेस ने अपने विरोध प्रदर्शन को चरणबद्ध तरीके से आयोजित करने की योजना बनाई है। खेड़ा ने बताया कि 22 और 23 दिसंबर को देशभर के 150 शहरों में पार्टी नेता प्रेस वार्ता करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य जनता के बीच भाजपा के संविधान-विरोधी रवैये और डॉ. अंबेडकर के प्रति किए गए अपमान को उजागर करना है।
24 दिसंबर को आयोजित होने वाले ‘बाबा साहेब अंबेडकर सम्मान मार्च’ का नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता करेंगे। मार्च की शुरुआत डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से होगी और फिर सभी जिला मुख्यालयों में जिला कलेक्टरों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। खेड़ा ने बताया कि इस मार्च का उद्देश्य जनता को संविधान की रक्षा के लिए एकजुट करना और भाजपा के कथित असंवैधानिक रवैये के खिलाफ विरोध दर्ज कराना है।
खेड़ा ने आगे कहा कि यह अभियान केवल एक राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि संविधान की रक्षा और बाबा साहेब के सम्मान को बनाए रखने के लिए कांग्रेस का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, “हम देश के हर कोने में जाएंगे, लोगों को जागरूक करेंगे और भाजपा के संविधान-विरोधी एजेंडे को बेनकाब करेंगे।”
बेलगावी अधिवेशन की 100वीं वर्षगांठ और कांग्रेस की भविष्य की रणनीति
पवन खेड़ा ने इस मुद्दे को बाबा साहेब के सम्मान तक ही सीमित न रखते हुए कांग्रेस के ऐतिहासिक संघर्ष और भविष्य की रणनीति पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर, 1924 को बेलगावी में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में महात्मा गांधी अध्यक्ष बने थे। “यह दिन न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए भी ऐतिहासिक है। इसी अधिवेशन से स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा मिली।”
खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस इस ऐतिहासिक दिन की 100वीं वर्षगांठ को विशेष रूप से मनाएगी। 26 दिसंबर को बेलगावी में विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पार्टी के शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म एक्शन प्लान पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, 27 दिसंबर को बेलगावी में ही एक विशाल रैली का आयोजन होगा, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।
कांग्रेस का संघर्ष और मजबूती का संदेश
खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। “महात्मा गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तक, कांग्रेस ने कभी भी समझौता नहीं किया। चाहे स्वतंत्रता संग्राम का दौर हो या मौजूदा समय का राजनीतिक संघर्ष, कांग्रेस ने हमेशा संघर्ष का रास्ता चुना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान 2024 के आम चुनावों से पहले पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। “यह केवल बाबा साहेब के सम्मान की लड़ाई नहीं है, बल्कि देश के संविधान की रक्षा के लिए भी जरूरी है। हम हर जिले में जनता के बीच जाएंगे, उन्हें भाजपा के कथित असंवैधानिक कदमों के खिलाफ जागरूक करेंगे और कांग्रेस के संघर्ष को उनके सामने रखेंगे।”
भाजपा पर तीखा प्रहार
खेड़ा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अमित शाह का बयान इस बात का प्रमाण है कि भाजपा संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करती। उन्होंने कहा, “यह बयान भाजपा के उस विचारधारा का हिस्सा है, जो संविधान को बदलने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास करती है।”
कांग्रेस का उद्देश्य
कांग्रेस का यह राष्ट्रव्यापी अभियान न केवल भाजपा को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास है, बल्कि अपने समर्थकों को एकजुट करने और जनता के बीच पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने का भी उद्देश्य है। खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस का यह अभियान जनता और संविधान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दिखाने का एक माध्यम है।
कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी को राष्ट्रीय मुद्दा बनाते हुए विपक्ष की राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करने का प्रयास किया है। 24 दिसंबर का ‘बाबा साहेब अंबेडकर सम्मान मार्च’ और 26-27 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम इस बात के संकेत हैं कि पार्टी 2024 के चुनावों के लिए न केवल खुद को तैयार कर रही है, बल्कि भाजपा के खिलाफ मजबूत जनाधार बनाने की भी कोशिश कर रही है। इससे कांग्रेस को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने का अवसर मिल सकता है।