
नई दिल्ली, 29 नवंबर। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में पार्टी ने देश के समक्ष खड़े ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए एक विस्तृत प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान पार्टी ने सरकार पर भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने और संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता पर हमला करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति ने आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने और जनता से जुड़े मुद्दों को राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाने की रणनीति बनाई।
भ्रष्टाचार, मणिपुर हिंसा और सांप्रदायिकता पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया
बैठक के दौरान कांग्रेस ने मोदी सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर तीखा हमला किया। कांग्रेस ने हाल ही में एक प्रमुख व्यापारिक समूह से जुड़े भ्रष्टाचार के खुलासे का जिक्र करते हुए इसे प्रधानमंत्री के “घनिष्ठ संबंध” से जोड़कर उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। पार्टी ने मणिपुर में जारी हिंसा और मई 2023 के बाद प्रधानमंत्री द्वारा इस अशांत राज्य का दौरा न करने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
कांग्रेस कार्यसमिति ने भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का भी आरोप लगाया, खासकर उत्तर प्रदेश में हाल के घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए। बैठक में कहा गया कि यह पार्टी की “सुनियोजित रणनीति” का हिस्सा है, जिससे देश में सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक शांति को खतरा है।
पूजा स्थल अधिनियम, 1991 पर प्रतिबद्धता
कांग्रेस कार्यसमिति ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। इस कानून को सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए एक आवश्यक कदम मानते हुए, कांग्रेस ने भाजपा पर इसके “बेशर्मी से उल्लंघन” का आरोप लगाया।
चुनावों के नतीजों पर समीक्षा और संगठनात्मक सुधार पर जोर
चार राज्यों में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों और वायनाड उपचुनाव के परिणामों पर चर्चा करते हुए कांग्रेस ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी। वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा की भारी जीत को कार्यकर्ताओं और जनता के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए कांग्रेस ने झारखंड और जम्मू-कश्मीर में अपने गठबंधन की सफलता पर खुशी जताई।
हालांकि, हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन को “अपेक्षा से कम” बताते हुए कांग्रेस ने इसे “आंतरिक संगठनात्मक कमजोरियों” और “बाहरी हस्तक्षेप” का नतीजा बताया। पार्टी ने चुनावी गड़बड़ियों और हेरफेर की ओर इशारा किया, जिसने परिणामों को प्रभावित किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही विस्तृत राज्यवार समीक्षा करने और संगठनात्मक बदलाव की घोषणा करने वाले हैं। कार्यसमिति ने सभी स्तरों पर एकता और अनुशासन बनाए रखने की अपील की।
राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस का रोडमैप
कांग्रेस कार्यसमिति ने भारत जोड़ो यात्रा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा और लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान उठाए गए मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इन मुद्दों में जाति जनगणना, आरक्षण सीमा में वृद्धि, बढ़ती बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण, और अर्थव्यवस्था में एकाधिकार को रोकने के लिए सख्त कदम शामिल हैं।
कांग्रेस ने जाति जनगणना को “पूर्ण सामाजिक न्याय” के लिए आवश्यक बताते हुए अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने का आह्वान किया।
चुनावी प्रक्रिया और चुनाव आयोग पर सवाल
कांग्रेस ने देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए। चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को “पक्षपातपूर्ण” बताते हुए पार्टी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया। कांग्रेस का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से समझौता किया जा रहा है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों में निराशा और असुरक्षा बढ़ रही है।
राष्ट्रीय आंदोलन की घोषणा
कांग्रेस कार्यसमिति ने देश में बढ़ती सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असमानताओं को लेकर “राष्ट्रीय आंदोलन” छेड़ने की घोषणा की। पार्टी का उद्देश्य इन जनचिंताओं को व्यापक स्तर पर उठाना और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
भविष्य की रणनीति
कांग्रेस कार्यसमिति ने सभी राज्यों में अपने संगठन को मजबूत करने, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने और आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वर्तमान चुनौतियों का सामना करते हुए पार्टी जनता के हितों की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। बैठक के अंत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “देश के लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए कांग्रेस हर चुनौती का सामना करने को तैयार है।”
इस प्रस्ताव और बैठक में किए गए निर्णय कांग्रेस की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेंगे और आने वाले समय में पार्टी की रणनीति के केंद्र बिंदु होंगे।