
नई दिल्ली, 08 मार्च। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के टैरिफ कटौती के फैसले को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर अमेरिका के सामने झुकने और भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टता की मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय हितों से समझौता कर रहे हैं और इससे विश्व मंच पर भारत की स्थिति कमजोर हो रही है।
नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 140 करोड़ भारतीयों को उनकी सरकार की व्यापार नीति की जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिल रही है। इससे बड़ा अपमान कुछ नहीं हो सकता।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अमेरिका के दबाव में आकर भारत के व्यापारिक हितों से समझौता कर रही है। खेड़ा ने कहा कि टैरिफ कटौती से भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से छोटे और मध्यम व्यापारियों (MSME) और किसानों को भारी नुकसान होगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि उन्होंने भारत की पोल खोल दी है और भारत अब टैरिफ में कटौती के लिए सहमत हो गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसा लगता है मानो भारत को धमकाया गया हो और उसे झुकने के लिए मजबूर कर दिया गया हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति के सामने भारत के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं।
“जब अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद थे, तब वहां भारत को ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ के नाम पर धमकाया जा रहा था। लेकिन मोदी जी चुपचाप मुस्कुराते रहे।”खेड़ा ने कहा कि अमेरिका में मोदी सरकार की इस कमजोर स्थिति के कारण भारत की छवि को नुकसान पहुंचा है।
भारत की मजबूत विदेश नीति को कमजोर कर रही है मोदी सरकार – कांग्रेस
पवन खेड़ा ने भारत के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि भारत हमेशा अपनी संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ा रहा है उन्होंने कहा 1971 के बांग्लादेश युद्ध के दौरान जब अमेरिका ने भारत को धमकाने के लिए सातवां बेड़ा भेजा था, तब भी भारत नहीं झुका। 1974 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाया, लेकिन भारत ने अपना निर्णय नहीं बदला। 1998 में पोखरण-दो परीक्षण के समय भी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका की धमकियों के बावजूद भारत के आत्मनिर्भर रक्षा नीति को बनाए रखा।
खेड़ा ने कहा, “कनाडा और मैक्सिको जैसे देश पारस्परिक टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका के खिलाफ मजबूती से खड़े हो सकते हैं, तो भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता?”
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और भारत की आर्थिक संप्रभुता को कमजोर कर रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ नीति (Reciprocal Tariff Policy) से भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को सबसे अधिक नुकसान होगा।
उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार, टैरिफ कटौती के कारण भारत को सालाना लगभग 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इससे किसानों को भी बड़ा झटका लगेगा। भारतीय कृषि को तीन स्तरों पर चुनौती का सामना करना पड़ेगा:
1. सस्ते आयात के कारण भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी।
2. स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्यमियों की आय घटेगी।
3. अमेरिकी उत्पादों की वजह से भारतीय बाजार में असंतुलन पैदा होगा।
खेड़ा ने अमेरिकी ब्रांड हार्ले-डेविडसन बाइक, बोरबॉन व्हिस्की और वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करने का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार पहले से ही टैरिफ कम करने के संकेत दे रही थी।
मोदी सरकार केवल बड़े पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है – कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के हितों की रक्षा कर रही है और देश के छोटे व्यापारियों व किसानों को अनदेखा कर रही है।
“मोदी सरकार की नीतियां केवल चंद बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं। छोटे व्यापारी और किसान इस सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं।”
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मोदी सरकार अमेरिका को माकूल जवाब देती है और भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करती है, तो कांग्रेस जिम्मेदार विपक्ष के रूप में सरकार के साथ खड़ी होगी।
पवन खेड़ा ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर स्पष्ट बयान देना चाहिए और देश को यह बताना चाहिए कि भारत के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए उनकी सरकार क्या कदम उठा रही है।
मोदी सरकार की आर्थिक नीति पर सवाल
ट्रंप के बयान और टैरिफ कटौती को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार की विदेश नीति और आर्थिक निर्णयों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
1. क्या मोदी सरकार अमेरिका के सामने झुक रही है?
2. क्या टैरिफ कटौती से भारतीय व्यापारियों और किसानों को नुकसान होगा?
3. क्या सरकार केवल बड़े उद्योगपतियों के हितों के लिए काम कर रही है?
इन सवालों के जवाब मांगते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टता देने और भारतीय हितों की रक्षा करने की मांग की है।
अब यह देखना होगा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या भारत अमेरिकी टैरिफ नीति के सामने मजबूती से खड़ा हो पाएगा या नहीं।