
देवेंद्र यादव का आरोप—छत्तीसगढ़ में बंद किए जा रहे 10,643 स्कूल, खत्म होंगे 45,000 शिक्षक पद
नई दिल्ली, 21 जून। छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार “युक्तियुक्तकरण” (रैशनलाइजेशन) की आड़ में हज़ारों स्कूलों को बंद करने जा रही है, जिससे न केवल लाखों बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी, बल्कि हजारों शिक्षकों और शिक्षा से जुड़ी अन्य श्रेणियों का भविष्य भी संकट में आ जाएगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और भिलाई नगर से विधायक देवेंद्र यादव ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत रैशनलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत राज्य भर में 10,643 स्कूलों को बंद किया जा रहा है और लगभग 45,000 शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) और बच्चों के मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “गारंटी” का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले 35,000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद बजट में केवल 20,000 पदों की घोषणा की और अब उससे कहीं अधिक संख्या में शिक्षक पद समाप्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में पहले जहां प्रति 21 बच्चों पर एक शिक्षक होता था, अब यह अनुपात 30 बच्चों पर एक शिक्षक हो गया है। इसी तरह, मिडिल स्कूलों में यह अनुपात 26:1 से बढ़कर 35:1 कर दिया गया है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता गिरेगी और शिक्षकों पर कार्यभार बढ़ेगा।
कांग्रेस नेता ने इस निर्णय को शिक्षा विरोधी और रोजगार विरोधी बताते हुए कहा कि इसका असर न केवल शिक्षकों पर पड़ेगा, बल्कि रसोइयों, सफाईकर्मियों और महिला स्वयं सहायता समूहों की आजीविका भी प्रभावित होगी। उन्होंने विशेष रूप से बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे दूरदराज के आदिवासी अंचलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की आशंका जताई, जहां अब विद्यार्थियों को स्कूल पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा की मंशा बच्चों को अशिक्षित बनाए रखना है ताकि वे सरकारी विचारधारा को बिना सवाल किए स्वीकार कर लें।
देवेंद्र यादव ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा शासन में छत्तीसगढ़, जो कभी शांति का टापू हुआ करता था, अब अशांति के केंद्र में बदल गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में गोलियों की आवाजें सुनाई दे रही हैं, लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं और पत्रकारों को धमकाया और मारा जा रहा है। उन्होंने रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मीडियाकर्मियों पर बंदूक तानने की घटना और उसके बाद मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बस्तर की बहुमूल्य खनिज संपदा को निजी कंपनियों के हवाले करने की तैयारी में है। उन्होंने राज्य में खाद की किल्लत, किसानों के साथ बढ़ते दुर्व्यवहार और व्यापारियों पर इंस्पेक्टर राज की वापसी की बात उठाते हुए कहा कि जीएसटी अधिकारियों की ज्यादती के चलते व्यापार जगत बेहद परेशान है।
देवेंद्र यादव ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस जनविरोधी निर्णय का हर स्तर पर विरोध करेगी—सड़क से सदन तक। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने शिक्षा, रोजगार और लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रहार करना बंद नहीं किया, तो जनता इसका जवाब देने को तैयार है।