
नई दिल्ली 29 दिसंबर । उत्तर प्रदेश में जारी पुरातात्विक खुदाई को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के आवास के नीचे भी एक शिवलिंग हो सकता है। चूंकि खुदाई का दौर चल रहा है, हमें मुख्यमंत्री आवास की खुदाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए।”
लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यादव ने यह बात मजाकिया लहजे में कही। हालांकि, उनके इस बयान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठहाके जरूर लगे, लेकिन यह बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। यादव ने व्यंग्य करते हुए मीडिया और सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए और कहा कि ऐसी गतिविधियों से जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाया जा रहा है।
संभल में खुदाई: पुरातात्विक महत्व और विवाद
यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चल रहे उत्खनन कार्य के नौवें दिन आई। संभल के चंदौसी क्षेत्र में एक प्राचीन बावड़ी का पता लगाने के लिए खुदाई चल रही है। यह बावड़ी 46 वर्षों से बंद पड़े एक शिव-हनुमान मंदिर के आस-पास स्थित है।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बावड़ी के साथ एक कुएं और उससे जुड़ी संरचना का पता चला है। खुदाई के दौरान मिली संरचनाओं से यह संकेत मिलता है कि यह स्थान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है ताकि संरचना के चारों ओर खुदाई कार्य निर्बाध रूप से पूरा हो सके।
चंदौसी नगर पालिका के एक अधिकारी ने बताया, “हमने सड़क के बीचों-बीच एक कुएं की खोज की है, जो शायद इस प्राचीन संरचना का केंद्र है। इस संरचना के चारों ओर बनी अवैध निर्माणों को हटाना आवश्यक है।”
पुरातात्विक महत्व और इतिहास
संभल जिले की इस बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व क्या है, इस पर अभी शोध चल रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह संरचना सैकड़ों वर्षों पुरानी है और इसे धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
खुदाई का यह कार्य पुरातात्विक विभाग की देखरेख में हो रहा है। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि खुदाई कार्य के दौरान संरचना को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। इसके साथ ही आसपास के निर्माण कार्यों को भी रोका जा रहा है।
सियासी माहौल गर्म
अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनावी सरगर्मियां तेज होने की संभावना है। सपा प्रमुख ने इसे सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने का अवसर बताया। उन्होंने कहा, “सरकार जनता के असली मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे कार्य कर रही है। खुदाई के नाम पर दिखावटी राजनीति की जा रही है।”
खुदाई में मिले संरचनाओं की जानकारी
संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में खुदाई के दौरान एक प्राचीन बावड़ी और उससे जुड़ी अन्य संरचनाओं का पता चला है। यह संरचना लगभग चार दशकों से बंद पड़ी थी। खुदाई कार्य के दौरान एक कुआं भी मिला है, जो बावड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि यह संरचना काफी जर्जर अवस्था में है, और इसे संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। नगर पालिका के एक अधिकारी ने कहा, “ऐतिहासिक महत्व वाली संरचना को संरक्षित करना हमारी प्राथमिकता है। अतिक्रमण हटाने के बाद इसे एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।”
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
खुदाई के इस कार्य ने स्थानीय लोगों के बीच जिज्ञासा और उत्सुकता बढ़ा दी है। लोग बड़ी संख्या में खुदाई स्थल पर इकट्ठा हो रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह धार्मिक स्थल है, जबकि अन्य इसे पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं।
स्थानीय निवासी रामेश्वर सिंह ने कहा, “यह स्थान हमारे लिए आस्था का केंद्र है। हमें गर्व है कि सरकार इसे संरक्षित करने के लिए प्रयास कर रही है।” वहीं, कुछ लोगों ने खुदाई के दौरान मिले संरचनाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठाए और उचित देखभाल की मांग की।
अतिक्रमण और कानूनी विवाद
पुरातात्विक विभाग ने स्पष्ट किया है कि बावड़ी के चारों ओर बनी संरचनाएं अवैध हैं और इन्हें हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों के बीच मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
एक अधिकारी ने बताया, “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि ऐतिहासिक महत्व वाली संरचना को कोई नुकसान न हो। अतिक्रमण हटाने के बाद इस स्थल को साफ और संरक्षित किया जाएगा।”
धार्मिक और पर्यटन संभावनाएं
संभल की इस बावड़ी और उससे जुड़े स्थल को धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। पुरातात्विक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस स्थल का उचित रखरखाव किया जाए, तो यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
सरकार की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस स्थल को संरक्षित करने और इसके विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। हालांकि, अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेताओं का मानना है कि सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है कि प्रदेश में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “ऐतिहासिक धरोहरें हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं। इनका संरक्षण और संवर्धन करना हमारा कर्तव्य है।”
संभल जिले की यह खुदाई केवल पुरातात्विक महत्व तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए राजनीति और धार्मिक मुद्दे भी उभरकर सामने आए हैं। जहां एक ओर सरकार इसे सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र में सुधार का कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास बता रहा है।
अखिलेश यादव के बयान से जहां राजनीति में गर्माहट आई है, वहीं खुदाई कार्य ने स्थानीय लोगों और पुरातात्विक विशेषज्ञों के बीच नए उत्साह और संभावनाओं को जन्म दिया है। अब देखना यह होगा कि यह स्थल भविष्य में कैसे विकसित होता है और इससे जुड़े राजनीतिक विवाद कैसे सुलझते हैं।