
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से ली गईं तस्वीरें हुईं वायरल, गंगा नदी के तट पर रौशनी और आस्था का अद्भुत संगम
महाकुम्भ नगर, 27 जनवरी। भारत के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ मेले की भव्यता और विशालता को अब अंतरिक्ष से भी देखा और सराहा जा रहा है। रविवार रात अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री डोनाल्ड रॉय पेटिट ने महाकुंभ मेले की अद्भुत तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर साझा कीं। इन तस्वीरों में गंगा नदी के तट पर रौशनी से जगमगाते इस आयोजन की विशालता को अंतरिक्ष से स्पष्ट देखा जा सकता है।
डोनाल्ड रॉय पेटिट, जो अपनी खगोल-फोटोग्राफी के लिए मशहूर हैं, ने इन तस्वीरों के साथ लिखा, “गंगा के किनारे मानवता का सबसे बड़ा समागम, महाकुंभ मेले की झलक, अंतरिक्ष से देखकर मन रोमांचित हो गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अद्वितीय है, बल्कि मानवता की सामूहिक शक्ति और समर्पण का प्रतीक है।”
अंतरिक्ष से महाकुम्भ का अद्भुत दृश्य
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं। इस आयोजन की भव्यता को अंतरिक्ष से देखने का अवसर मिलने पर डॉन पेटिट ने कहा, “यह दृश्य अविस्मरणीय था। गंगा नदी के किनारे बसे महाकुंभ नगर की रौशनी और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था ने पूरे क्षेत्र को एक जीवंत उत्सव में बदल दिया है।”
तस्वीरों में स्पष्ट देखा जा सकता है कि गंगा नदी का तट चारों ओर से रौशनी से जगमगा रहा है। संगम पर बने विभिन्न स्नान घाटों, शिविरों और पंडालों में जलने वाली रोशनी ने इस स्थान को एक अद्भुत रूप प्रदान किया है। यह नजारा दिखाता है कि कैसे लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर आस्था के इस पर्व को मनाते हैं।
आस्था, संस्कृति और परंपरा का संगम
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति, परंपरा और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। यह आयोजन हर 12 साल में होता है और इसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। 2025 के महाकुंभ में अब तक 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके हैं। संगम पर स्नान करने के साथ ही श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठानों, यज्ञों और भजन-कीर्तन में भाग लेकर अपनी आस्था को प्रकट करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि महाकुंभ न केवल भारत की धार्मिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस आयोजन के दौरान भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
अंतरिक्ष से भारत की शक्ति का प्रदर्शन
डोनाल्ड पेटिट की खींची गई तस्वीरें न केवल महाकुंभ की विशालता और भव्यता को दिखाती हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित करती हैं कि भारत ने अंतरिक्ष तकनीक और वैज्ञानिक शोध में कितनी प्रगति की है। पेटिट ने लिखा कि “यह केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरी मानवता का पर्व है।”
पेटिट, जो 69 वर्ष की उम्र में नासा के सबसे वरिष्ठ सक्रिय अंतरिक्ष यात्री हैं, 555 दिनों से अंतरिक्ष में हैं। वे अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधानों के साथ-साथ अपनी फोटोग्राफी और तकनीकी नवाचारों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने “जीरो जी कप” जैसे आविष्कार किए हैं, जो अंतरिक्ष में तरल पदार्थ पीने की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
महाकुंभ और भारत का वैश्विक प्रभाव
महाकुंभ के आयोजन ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। इससे पहले, 2019 में आयोजित प्रयागराज कुंभ को यूनेस्को द्वारा “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर” की सूची में शामिल किया गया था। 2025 का महाकुंभ मेला इससे भी अधिक भव्य और व्यवस्थित है।
सरकार ने इस बार आयोजन को अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए नई तकनीकों और रणनीतियों को अपनाया है। इसमें सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और सफाई अभियान जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही, विदेशी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष गाइडलाइन और सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं।
पर्यावरण और स्वच्छता का संदेश
महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वच्छता का संदेश भी देता है। गंगा नदी की स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। इस बार आयोजन स्थल पर “जीरो वेस्ट” अभियान पर जोर दिया गया है।
अंतरिक्ष से ली गई इन तस्वीरों ने न केवल इस आयोजन की भव्यता को दर्शाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे भारत अपनी परंपराओं और संस्कृति को आधुनिक तकनीक के साथ विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित
डॉन पेटिट द्वारा साझा की गई तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा का माहौल बन गया है। इन तस्वीरों ने महाकुंभ की ख्याति को और अधिक बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की वैश्विक कवरेज भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मददगार साबित होती है।
महाकुंभ मेला, जिसमें हर वर्ग, उम्र और समुदाय के लोग एक साथ आते हैं, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के रूप में जाना जाता है। अब यह अंतरिक्ष से खींची गई तस्वीरों के माध्यम से पूरी दुनिया में अपने महत्व को और अधिक स्थापित कर रहा है।महाकुंभ मेला केवल भारत का आयोजन नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए आस्था, संस्कृति और सामूहिकता का एक संदेश है। डोनाल्ड पेटिट द्वारा साझा की गई तस्वीरों ने न केवल इस आयोजन की सुंदरता को उजागर किया है, बल्कि इसे विश्व स्तर पर एक विशेष पहचान भी दी है। अंतरिक्ष से महाकुंभ को देखकर यह स्पष्ट होता है कि यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक प्रभाव का भी प्रमाण है।