
देश में पहली बार जारी हुई नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट, उत्तर प्रदेश शीर्ष पर
लखनऊ, 3 मार्च। उत्तर प्रदेश की नदियों में योगी सरकार के संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक असर दिखने लगा है। राज्य की नदियों में पाई जाने वाली दुर्लभ गांगेय डॉल्फिन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे उत्तर प्रदेश देश में डॉल्फिन की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक में इसकी पुष्टि हुई। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी की, जिसमें उत्तर प्रदेश को डॉल्फिन संरक्षण में सबसे अग्रणी राज्य घोषित किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नदियों में कुल 6,327 डॉल्फिन पाई गईं, जिनमें से अकेले उत्तर प्रदेश में 2,397 डॉल्फिन दर्ज की गईं, जो किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सर्वाधिक हैं। इसके बाद बिहार (2,220), पश्चिम बंगाल (815) और असम (635) का स्थान रहा।
भारत में नदी डॉल्फिन की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए पहली बार इतने व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण किया गया। इस अध्ययन में देश के आठ राज्यों की 28 प्रमुख नदियों को कवर किया गया, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र का अध्ययन किया गया। इसके लिए कुल 3,150 दिन का समय लिया गया और इस दौरान विशेषज्ञों ने गहन निरीक्षण कर आंकड़े जुटाए।
सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश की नदियों को डॉल्फिन के लिए सबसे अनुकूल पाया गया, जहां डॉल्फिन की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। राज्य में गंगा, यमुना, चंबल, घाघरा, राप्ती और गेरूआ जैसी नदियों में बड़ी संख्या में गांगेय डॉल्फिन पाई गईं।
योगी का यूपी’ बना डॉल्फिन संरक्षण में अग्रणी राज्य
उत्तर प्रदेश में जैव विविधता के संरक्षण के लिए योगी सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों के चलते राज्य की नदियों में डॉल्फिन की आबादी में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार ने न केवल गांगेय डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित किया बल्कि इसे बचाने के लिए कई बड़े कदम भी उठाए।
उत्तर प्रदेश में डॉल्फिन की सबसे अधिक संख्या
योगी सरकार ने 17 अक्टूबर 2023 को गंगा डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित किया, जिससे इसके संरक्षण को और अधिक मजबूती मिली। उत्तर प्रदेश के कई जलाशय और नदियां अब डॉल्फिन संरक्षण क्षेत्र बन गई हैं, जहां अवैध शिकार और प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
गांगेय डॉल्फिन: भारत की नदियों का ‘पानी का बाघ’
गांगेय डॉल्फिन (Platanista gangetica gangetica) को आमतौर पर ‘गंगा की शान’ कहा जाता है। यह मीठे पानी में रहने वाली डॉल्फिन की एक विलुप्तप्राय जाति है, जिसे संवेदनशील प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
गांगेय डॉल्फिन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
1. दृष्टिहीन होती है – गांगेय डॉल्फिन की आंखों में लेंस नहीं होता, इसलिए यह दृष्टिहीन होती है और पानी के कंपन (Echolocation) के जरिए अपने शिकार और दिशा का निर्धारण करती है।
2. गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र में मिलती है – यह मुख्य रूप से गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी प्रणालियों में पाई जाती है।
3. संवेदनशील प्रजाति – यह प्रजाति IUCN रेड लिस्ट में संकटग्रस्त (Endangered) श्रेणी में आती है।
4. भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव – 2009 में इसे भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था।
5. गंगा नदी के स्वास्थ्य का प्रतीक – वैज्ञानिक इसे गंगा और अन्य नदियों की स्वच्छता का संकेतक मानते हैं।
उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, चंबल, घाघरा, राप्ती और गेरूआ नदियों में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्थान इस प्रकार हैं:
चंबल राष्ट्रीय अभयारण्य – चंबल नदी में डॉल्फिन की बड़ी आबादी संरक्षित है।
विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन सेंचुरी – गंगा नदी में स्थित यह सेंचुरी डॉल्फिन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
गंगा बैराज, कानपुर – कानपुर में गंगा नदी में डॉल्फिनों की अच्छी संख्या पाई जाती है।
योगी सरकार के संरक्षण प्रयास
उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉल्फिन संरक्षण के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं:
1. डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित करना
योगी सरकार ने 17 अक्टूबर 2023 को गांगेय डॉल्फिन को उत्तर प्रदेश का राज्य जलीय जीव घोषित किया, जिससे इसके संरक्षण को कानूनी मजबूती मिली।
2. डॉल्फिन संरक्षण अभियान
सरकार ने डॉल्फिन संरक्षण को लेकर ‘गंगा डॉल्फिन जागरूकता अभियान’ शुरू किया, जिसके तहत स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और मछुआरों को डॉल्फिन के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
3. नदियों की सफाई और पुनर्जीवन कार्यक्रम
नमामि गंगे परियोजना के तहत नदियों को साफ करने और प्रदूषण को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे डॉल्फिन के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध हो सके।
4. अवैध शिकार पर कड़ी कार्रवाई
सरकार ने डॉल्फिन शिकार को रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। अब डॉल्फिन का शिकार करने पर जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
5. पारिस्थितिक पर्यटन (Eco-Tourism) को बढ़ावा
डॉल्फिन देखने के लिए ‘डॉल्फिन सफारी’ जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं, जिससे पर्यटन बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए संरक्षण उपायों का असर साफ दिखाई दे रहा है। डॉल्फिन की बढ़ती संख्या यह साबित करती है कि राज्य की नदियां अब पहले की तुलना में अधिक स्वच्छ और जैव विविधता से भरपूर हो रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जारी नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश का देश में पहले स्थान पर आना योगी सरकार के पर्यावरणीय प्रयासों की बड़ी सफलता है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि अगर सही नीतियों और प्रतिबद्धता के साथ काम किया जाए, तो विलुप्तप्राय प्रजातियों को बचाया जा सकता है।
आने वाले वर्षों में, अगर इसी तरह से डॉल्फिन संरक्षण के प्रयास जारी रहे, तो उत्तर प्रदेश डॉल्फिन संरक्षण का एक आदर्श मॉडल बन सकता है और पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है।