
नई दिल्ली 19 दिसंबर। संसद भवन में धक्का-मुक्की के विवाद के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा पलटवार किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा, डॉ. भीमराव आंबेडकर और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला कर रही है।
आंबेडकर पर गृह मंत्री के बयान से शुरू हुआ विवाद
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर पर टिप्पणी करते हुए तथ्यात्मक गलतियां कीं। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,
“गृह मंत्री ने कल जो बयान दिया, वह तथ्यों से परे था। यह आंबेडकर और नेहरू दोनों का अपमान है। भाजपा इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। हमारी मांग है कि अमित शाह देश से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।
#WATCH | Delhi: On Union HM's speech in RS during Constitution debate, Rajya Sabha LoP and Congress president Mallikarjun Kharge says, "The statements that the government and especially the Prime Minister and Union Home Minister Amit Shah are making about Dr BR Ambedkar are very… pic.twitter.com/BRdGhkKjyC
— ANI (@ANI) December 19, 2024
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा का रवैया संविधान विरोधी है। खरगे ने कहा,
“प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बार-बार संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर का नाम लेकर उनकी विरासत को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। यह बेहद दुखद और चिंताजनक है।”
#WATCH | Delhi: Congress president Mallikarjun Kharge says, "…They (BJP MPs) stopped us at the door and did this to show their muscle power. They forcefully attacked us. I am not in a position to push anyone, but they pushed me. Now they are accusing us that we pushed them…So… pic.twitter.com/01rRE3GaGt
— ANI (@ANI) December 19, 2024
अदाणी मुद्दे पर चर्चा से बचने का आरोप
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा संसद में अदाणी विवाद पर चर्चा से बचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर आंबेडकर का मुद्दा उठाकर ध्यान भटकाने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने कहा
“अदाणी के खिलाफ अमेरिका में मामला दर्ज हुआ है। भाजपा इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करने से भाग रही है। यह उनकी पुरानी रणनीति है कि एक मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए दूसरा विवाद खड़ा किया जाए।”
मकर द्वार पर धक्का-मुक्की का मामला
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि जब वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, तब भाजपा सांसदों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। खरगे ने कहा,
“हम हर दिन संसद परिसर में प्रदर्शन करते हैं, लेकिन आज हमारे साथ धक्का-मुक्की की गई। भाजपा सांसदों ने मुझे और हमारी महिला सांसदों को धक्का दिया।”
#WATCH | Delhi: Congress MP and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi says, "A few days before the Parliament session, the Adani case came up in America and the BJP tried to stop the discussion on it. The basic strategy of the BJP was that there should be no discussion on the Adani case, it… pic.twitter.com/4LW2tRX45L
— ANI (@ANI) December 19, 2024
राहुल गांधी ने इसे भाजपा का “तानाशाही रवैया” करार दिया और कहा कि इस घटना से साबित होता है कि भाजपा संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करती।
देशव्यापी प्रदर्शन की योजना
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस इस घटना को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा,
“यह केवल कांग्रेस पर हमला नहीं है, बल्कि संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और देशभर में भाजपा की नीतियों और उनके झूठ का पर्दाफाश करेंगे।”
राहुल गांधी ने गृह मंत्री का इस्तीफा मांगा
राहुल गांधी ने भाजपा पर आंबेडकर के विचारों के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा:
“गृह मंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने न केवल आंबेडकर का अपमान किया है, बल्कि देश की जनता के साथ भी अन्याय किया है।”
भाजपा की प्रतिक्रिया: “अहंकार और झूठ की राजनीति”
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इसे “अहंकार और झूठ की राजनीति” बताया। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस केवल अदाणी मामले का बहाना लेकर भाजपा की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
“कांग्रेस का रवैया अराजकता फैलाने वाला है। राहुल गांधी ने जानबूझकर हमारे सांसदों को उकसाया और गुंडागर्दी की। भाजपा इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी।”
अदाणी और आंबेडकर विवाद: राजनीतिक खेल या वैचारिक संघर्ष?
विशेषज्ञों का मानना है कि अदाणी और आंबेडकर मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में बढ़ती वैचारिक खाई का संकेत भी है।
संसद परिसर में हुई यह घटना भारतीय राजनीति के लिए चिंताजनक है। आंबेडकर और अदाणी जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा के बजाय, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र के लिए घातक है।
आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस विवाद से जुड़े मुद्दों पर कोई समाधान निकलेगा या यह केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा।