लखनऊ, 6 दिसंबर। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने आज भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया। उत्तर प्रदेश समेत देशभर में आयोजित इन कार्यक्रमों में बाबा साहेब के मानवतावादी और जनकल्याणकारी विचारों पर चर्चा हुई। बीएसपी प्रमुख सुश्री मायावती ने अपने संबोधन में बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संविधान के आदर्शों को सही ढंग से लागू करना देश के शोषित, दलित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए आवश्यक है।
सुश्री मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने संविधान के मूल आदर्शों के साथ छल किया है। उन्होंने कहा, “इन दलों की नीयत में कुछ और है और जुबान पर कुछ और। बहुजन समाज को अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करनी होगी। तभी देश गंभीर समस्याओं—जैसे महंगाई, गरीबी, बेरोज़गारी, और अशिक्षा—से निकलकर आत्म-सम्मान और स्वाभिमान का जीवन जी पाएगा। यही बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस का संदेश है।”
मायावती ने विशेष रूप से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आरएसएस के संगठन संविधान को कमजोर करने के लिए भाजपा की हर संभव मदद करते हैं। हाल ही में अधिक बच्चे पैदा करने की आरएसएस की सलाह को उन्होंने सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने पिछले 75 वर्षों में जातिवादी मानसिकता के साथ शासन किया, जिससे समाज के वंचित तबके अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित रह गए। “बहुजन समाज को अब जागरूक होकर सत्ता पर अपना अधिकार स्थापित करना होगा। ‘वोट हमारा, राज तुम्हारा’ की व्यवस्था को खत्म करना होगा,” मायावती ने जोर देकर कहा।
बीएसपी प्रमुख ने किसानों, गरीबों और छोटे व्यापारियों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत एक किसान-प्रधान देश है, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण छोटे किसानों की हालत लगातार खराब हो रही है। “महान भारत और सुखी समाज के निर्माण के लिए बाबा साहेब के विचारों को लागू करना जरूरी है,” उन्होंने कहा।
देशभर में आयोजित कार्यक्रम और बीएसपी की भूमिका
उत्तर प्रदेश में लखनऊ के गोमती नगर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर हजारों लोगों ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान बीएसपी समर्थकों और नेताओं ने संविधान के आदर्शों के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई। इसी तरह, गौतम बुद्ध नगर स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में मेरठ मंडल और दिल्ली के लोगों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
प्रदेश के अन्य 14 मंडलों में भी बीएसपी के तत्वावधान में विचार संगोष्ठियों का आयोजन हुआ, जहां बाबा साहेब के विचारों और उनके संघर्षों पर चर्चा की गई। मायावती ने इन सभी कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों का आभार प्रकट किया।
देश के अन्य राज्यों में भी बीएसपी कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब के योगदान को याद करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए। उन्होंने बाबा साहेब के अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया। मायावती ने कहा कि बाबा साहेब ने शोषितों और वंचितों को आत्म-सम्मान का जीवन देने के लिए संविधान में जो प्रावधान किए, वे जातिवादी पार्टियों के शासन में कभी सही से लागू नहीं हुए।
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि कांग्रेस, भाजपा और इनके समर्थक जातिवादी संगठन बीएसपी के मूवमेंट को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचते रहते हैं। “सजग रहकर बाबा साहेब के मिशन को आगे बढ़ाना हमारा दायित्व है,” उन्होंने कहा।
मायावती ने किसानों के मुद्दों पर भी बीएसपी के रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि फसल का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना जरूरी है, लेकिन सरकारें इस दिशा में गंभीर प्रयास नहीं कर रही हैं। “गरीबों, किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए बाबा साहेब के विचारों पर आधारित नीतियां ही समाधान दे सकती हैं,” उन्होंने कहा।
संविधान के आदर्शों का महत्व:
बीएसपी प्रमुख ने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सभी को सबसे पहले भारतीय बनने का मूल मंत्र अपनाना चाहिए। “जाति, धर्म और संप्रदाय के आधार पर राजनीति करने वाले देश का भला नहीं कर सकते,” उन्होंने कहा।
संघर्ष जारी रखने का आह्वान:
मायावती ने दलितों, पिछड़ों और शोषितों को सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के संघर्ष में जुटे रहने की अपील की। “बाबा साहेब ने जो रास्ता दिखाया है, वह हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा,” उन्होंने कहा।
बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बीएसपी के इन आयोजनों ने संविधान की मूल भावना और समाज में समानता की जरूरत को एक बार फिर से रेखांकित किया।
