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वडोदरा 31 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के केवड़िया में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के कार्यक्रम में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने देश को एकता और अखंडता के महत्व की याद दिलाई और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को सरदार पटेल के प्रति अपनी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने देशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस और दिवाली की शुभकामनाएं भी दीं।
सरदार पटेल को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी महत्ता और योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसे देश का हिस्सा हैं, जो सरदार पटेल के कठिन प्रयासों का परिणाम है। जब देश आजाद हुआ था, तब दुनिया में ऐसे कई लोग थे, जो भारत के बिखरने की भविष्यवाणी कर रहे थे। वे सोचते थे कि सैकड़ों रियासतों को एकजुट कर पाना नामुमकिन होगा, लेकिन सरदार पटेल ने इसे संभव करके दिखाया। उनका योगदान देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अतुलनीय है।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के सात दशकों बाद “एक देश, एक संविधान” का सपना पूरा हुआ है, जो सरदार पटेल को उनकी जयंती पर एक अनमोल श्रद्धांजलि है। यह कदम उस संकल्प का प्रतीक है, जो सरदार साहब ने एक अखंड भारत के निर्माण के लिए लिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान लागू करने में विलंब हुआ था और इस देरी का मुख्य कारण जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 था, जिसने पूरे देश के संविधान को वहां लागू नहीं होने दिया।
अनुच्छेद 370 का स्थायी अंत
प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाने के महत्व पर बात की और इसे एक ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 को हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब जम्मू-कश्मीर में बिना किसी भेदभाव के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, और पहली बार वहां का मुख्यमंत्री भारत के संविधान की शपथ ले रहा है। यह एक ऐसा दृश्य है जो देश के संविधान निर्माताओं को गर्व और संतोष देता होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना सरदार पटेल के प्रति उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। यह केवल एक संविधान के तहत देश को एकजुट करने का प्रयास नहीं है, बल्कि उन सभी लोगों के सपनों का साकार रूप है, जिन्होंने एकता और अखंडता की कामना की थी। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान की माला जपने वालों ने ही संविधान का अपमान किया और इसके विरोध में अनुच्छेद 370 की दीवार खड़ी की थी।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के आकाओं को यह पता है कि अगर उन्होंने भारत पर हमला किया, तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। उत्तर पूर्व में शांति वार्ताओं का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने बोडो और ब्रू रींग समुदायों के साथ समझौते किए हैं, जिससे कई वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान निकला है। त्रिपुरा में नेशनल लिबरेशन फ्रंट के साथ भी समझौता हुआ है, जिससे देश तेजी से शांति, विकास और समृद्धि की दिशा में बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति और बढ़ती ताकत से, साथ ही देश के भीतर और बाहर कुछ नकारात्मक मानसिकता रखने वाले लोग परेशान हो रहे हैं। ऐसे लोग भारत में अस्थिरता और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने में लगे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने एकता के मंत्र को हमेशा जीवित रखना है और ऐसे हर झूठ का सामना करना है जो हमारी एकता को कमजोर करने की कोशिश करता है।
सरदार पटेल की 150वीं जयंती का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा की कि इस वर्ष से सरदार पटेल की 150वीं जयंती का उत्सव शुरू हो रहा है और आगामी दो वर्षों तक देशभर में यह मनाया जाएगा। यह भारत के प्रति उनके योगदान का सम्मान करने का एक माध्यम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने हमें एकजुट भारत का सपना दिया और इस मौके पर हमें उन्हें आदरपूर्वक याद करना चाहिए।
राष्ट्रीय एकता दिवस परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित परेड की सलामी ली, जिसमें विभिन्न सशस्त्र बलों की 16 मार्चिंग टुकड़ियों ने भाग लिया। भारतीय वायुसेना ने भी फ्लाईपास्ट करके सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा, स्कूली छात्रों के एक दल ने बैंड प्रदर्शन भी दिया। इस अवसर पर एनएसजी कमांडोज, बीएसएफ और सीआरपीएफ के दलों ने अपनी वीरता का प्रदर्शन किया। परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन एकता के इस पर्व को और भी यादगार बनाने के लिए किया गया था।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्थल पर प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल के योगदान को रेखांकित किया और कहा कि यह प्रतिमा केवल भारत के लौहपुरुष के प्रति सम्मान नहीं है, बल्कि यह हमारी एकता और संकल्प का प्रतीक भी है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसका उद्देश्य देशवासियों में देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करना है।
एकता और अखंडता का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने एकता की शपथ दिलाते हुए देशवासियों को प्रेरित किया कि वे सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के महत्व को समझाते हुए कहा कि हमें एकता के मंत्र को हमेशा सजीव रखना है। हमें अपनी शक्ति को पहचानकर देश की प्रगति के लिए काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देशवासियों को दीवाली की भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पर्व अब केवल भारत तक सीमित नहीं है। विश्व के कई देश भी इसे राष्ट्रीय पर्व की तरह मना रहे हैं, जो भारत की संस्कृति और परंपराओं की शक्ति का प्रमाण है।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर भी सरदार पटेल के प्रति सम्मान प्रकट किया। उन्होंने पोस्ट किया, “भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म-जयंती पर उन्हें मेरा शत-शत नमन। राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा उनके जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन देश के प्रति सरदार पटेल के योगदान का सम्मान करने के साथ ही भारत की एकता और अखंडता के प्रति एक समर्पण का प्रतीक था। अनुच्छेद 370 को हटाना, आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाना और राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन ऐसे कदम हैं, जो एक मजबूत, एकजुट और प्रगतिशील भारत की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। सरदार पटेल की जयंती पर पीएम मोदी ने एकता के इस संदेश को प्रबलता से व्यक्त किया और देशवासियों को यह प्रेरणा दी कि वे एकजुटता के इस मंत्र को हमेशा जीवित रखें और देश की प्रगति में योगदान दें।