
(वसिंद्र मिश्र) नई दिल्ली/ मुंबई, 15 जुलाई। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बयान एक बार फिर राजनीतिक तूफान खड़ा कर गया है। महाराष्ट्र में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के आवास पर मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने साफ कर दिया है कि पिछले दिनों उद्धव ठाकरे के साथ विश्वास घात हुआ है और यह विश्वास घात महापाप की श्रेणी में आता है अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि अब उद्धव ठाकरे के साथ हुए विश्वास घात की घटना से हम सब बेहद दुखी हैं और महाराष्ट्र की जनता भी दुखी है इस दुख की भरपाई उद्धव ठाकरे को फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाकर ही पूरी की जा सकती है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अपने खुले विचारों के लिए विख्यात है। इसके पहले उन्होंने अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का खुले तौर पर विरोध किया था और उस कार्यक्रम को महज एक राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया था। उनका दावा था की अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करना सनातन धर्म का अपमान है
उन्होंने दावा किया था की मंदिर पूर्ण रूप से 3 साल बाद ही बनकर तैयार हो पाएगा और ऐसी स्थिति में मंदिर के ऊपर कलश और ध्वज की स्थापना की जाएगी।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोने के गायब होने की घटना को लेकर भी बेहद खफा है.उनका आरोप है कि अभी तक इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं कराई जा रही है. उनका यह भी आरोप है कि ज्यादातर पौराणिक और ऐतिहासिक सनातन धर्म के मंदिरों पर राजनेताओं का कब्जा होता जा रहा और यही कारण है कि वहां की व्यवस्था छिन्न भिन्न होती जा रही है उन्होंने सोना चोरी की घटना की जांच जल्दी से जल्दी करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
अविमुक्तेश्वरानंद जी ने दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव को भी सिरे से खारिज किया है उनके मुताबिक शिव पुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों की व्याख्या है और उन 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा कोई भी नया ज्योतिर्लिंग की स्थापना किसी नए स्थान पर नहीं की जा सकती उन्होंने दावा किया है की ज्योतिर्लिंगों के बारे में उनके स्थान का भी वर्णन है इसलिए शिव पुराण से बाहर हटके अगर किसी भी जगह कोई कृत्रिम ज्योतिर्लिंग स्थापित करने की कोशिश हो रही है तो वह धर्म विरुद्ध और सनातन धर्म के भी खिलाफ है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई शिष्टाचार मुलाकात पर भी स्पष्टीकरण जारी किया है उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है नरेंद्र मोदी ने शादी समारोह में उनसे आशीर्वाद लिया और उन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया नरेंद्र मोदी की तरफ से जब कभी सनातन धर्म के खिलाफ आचरण हुआ तो मैं उनका विरोध किया और भविष्य में भी अगर नरेंद्र मोदी की तरफ से धर्म के खिलाफ कोई आचरण होगा तो मैं उसका विरोध करूंगा
उद्धव ठाकरे के बारे में पूछे गए सवालों पर अपनी राय रखते हुए शंकराचार्य ने साफ कर दिया की महाराष्ट्र की जनता के साथ हम सब लोग उद्धव ठाकरे के साथ हुई विश्वास घात की घटना से आहत है। उनका दावा था कि पिछले कुछ चुनाव में महाराष्ट्र के जनता ने यह साफ संकेत दे दिया है कि उद्धव ठाकरे के साथ हुई विश्वासघात की घटना का वह बदला लेकर उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाएंगे। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सीधे तौर पर खुद को राजनीतिक मामलों से दूर रहने का दावा किया उनका तर्क था की विश्वास घात महा पाप की श्रेणी में आता है और इसलिए शंकराचार्य होने के नाते उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है की धर्म विरुद्ध हुए इस महापाप का विरोध प्रतिकार करें।