
नई दिल्ली 14 जुलाई। जयराम रमेश ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार कॉरपोरेट टैक्स को कम कर रही है और व्यक्तिगत आयकर संग्रह को बढ़ाने का काम कर रही है जयराम रमेश ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि बजट की तारीख़ धीरे-धीरे नज़दीक आ रही है, 23 जुलाई को इसे पेश किया जाना है। अभी जारी डेटा से पता चलता है कि 1 अप्रैल से 1 जुलाई 2024 के दौरान सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह 3.61 लाख करोड़ रुपए था, जबकि सकल कॉर्पोरेट कर संग्रह 2.65 लाख करोड़ रुपए। यह उस बात की फ़िर से पुष्टि करता है जिसे हम लगातार कहते आ रहे हैं – लोग कंपनियों की तुलना में अधिक टैक्स का भुगतान कर रहे हैं।
जब डॉ. मनमोहन सिंह ने पद छोड़ा था तब व्यक्तिगत आयकर कुल कर संग्रह का 21% था, जबकि कॉर्पोरेट कर 35%। आज कुल कर संग्रह में कॉर्पोरेट करों का हिस्सा तेज़ी से गिरकर एक दशक के सबसे निचले स्तर, मात्र 26% पर आ गया है। इस बीच कुल कर संग्रह में व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी बढ़कर 28% हो गई है।
20 सितंबर 2019 को कॉर्पोरेट टैक्स दरों में इस उम्मीद से कटौती की गई कि इससे निजी निवेश में उछाल आएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके बजाय, निजी निवेश डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद के 35% के उच्च स्तर से गिरकर 2014-24 के दौरान 29% से भी नीचे आ गया है। कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से अरबपतियों की जेब में 2 लाख करोड़ रुपए गए हैं, जबकि मध्यम वर्ग भारी टैक्स बोझ झेल रहा है।
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