
नई दिल्ली, 16 मई। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा भारतीय सेना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक बताए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने इसे भारतीय सेना का सार्वजनिक रूप से अपमान बताया और इस बयान को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला है। पार्टी ने राज्य सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और दोनों नेताओं की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की।
कांग्रेस के सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा एक संगठित तरीके से भारतीय सेना का निरंतर अपमान कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस संगठन की नसों में बलिदान की भावना नहीं है, वह केवल मुखबिरी और प्रचार की राजनीति जानता है, और यही कारण है कि वह बार-बार देश की सेना को राजनीतिक चश्मे से देखने की कोशिश करता है।
श्रीनेत ने अपने संबोधन में कहा, “भारतीय सेना ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए असीम बलिदान दिया है। वह केवल एक संस्था नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है। जिस सेना के वीरता और पराक्रम के आगे पूरा देश नतमस्तक होता है, उसके लिए यह कहना कि वह किसी व्यक्ति विशेष के चरणों में नतमस्तक है, न केवल असहनीय है, बल्कि यह उस गौरवशाली परंपरा का भी अपमान है, जिसकी रक्षा के लिए हमारे जवान अपने प्राणों की आहुति देते हैं।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोनों भाजपा नेताओं को तत्काल मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो यह साफ समझा जाएगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस विचारधारा का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, “यदि प्रधानमंत्री मौन रहते हैं, तो यह मान लिया जाएगा कि यह बयान उनके ही इशारे पर दिया गया है और यह उनका ही दृष्टिकोण है कि सेना को किसी नेता के चरणों में झुका हुआ दिखाया जाए।”
श्रीनेत ने यह भी कहा कि भाजपा पहले भी ऐसे मामलों में नेताओं को संरक्षण देती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह पहले मध्य प्रदेश सरकार विजय शाह को बचाने में जुटी थी, अब वही प्रयास जगदीश देवड़ा के लिए दोहराया जा रहा है। उन्होंने कहा, “भाजपा नेताओं के लिए जवाबदेही नाम की कोई चीज नहीं है। जब भी इनसे जवाब मांगा जाता है, तो वे या तो राष्ट्रवाद की आड़ लेते हैं या फिर उल्टे विपक्ष पर आरोप लगाने लगते हैं।”
कांग्रेस नेता ने विजय शाह द्वारा सेना की पहली महिला मुस्लिम अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का भी हवाला देते हुए कहा कि भाजपा मानसिक रूप से पिछड़ी और महिला विरोधी पार्टी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल महिला गरिमा का अपमान है, बल्कि भारत की सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को हतोत्साहित करने की एक सोची-समझी कोशिश है। उन्होंने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है कि जिस महिला अधिकारी ने अपने कार्यक्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है, उसे एक मंत्री द्वारा इस तरह के अपमानजनक बयान का सामना करना पड़ रहा है और फिर भी प्रधानमंत्री चुप हैं।”
इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए श्रीनेत ने कहा कि अदालत तक को कहना पड़ा कि राज्य सरकार द्वारा दर्ज की गई एफआईआर केवल दिखावा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट की टिप्पणी से यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा सरकार ने एफआईआर को इस तरह से तैयार किया ताकि वह टिक ही न सके और आरोपी मंत्री को कानूनी रूप से कोई कठिनाई न हो। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि एक पार्टी विशेष की निरंकुश सत्ता का उदाहरण है, जिसमें सत्ता में बैठे लोग कानून से ऊपर हो चुके हैं।”
श्रीनेत ने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल गलवान की घटना पर चीन को क्लीन चिट दी, बल्कि उनके नेतृत्व में भारत का चीन से व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि यह वही प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने कहा था कि न कोई घुसा है, न कोई घुसेगा, जबकि सच्चाई यह है कि गलवान में हमारे 20 जवान शहीद हुए और आज तक भारत ने कोई निर्णायक जवाब नहीं दिया। उन्होंने पूछा कि क्या यह सेना के बलिदान का सम्मान है?
प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा के आजादी के संघर्ष में योगदान को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “भाजपा और उसके विचारधारा से जुड़े संगठनों ने स्वतंत्रता संग्राम में कोई भागीदारी नहीं की। और अब उसी पार्टी के नेता भारतीय सेना को अपनी राजनीतिक विचारधारा के आगे झुकाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं व्यापारी को सैनिक से ज्यादा साहसी बताने वाले पहले नेता रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि उनके लिए बलिदान और सेवा से ज्यादा महत्व व्यापारिक चातुर्य को दिया जाता है।”
कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सेना का राजनीतिकरण भाजपा की एक रणनीति बन चुकी है? क्या यह सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने और उसे जनता की नजर में एक राजनीतिक संस्था के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यदि भाजपा नेताओं को यह भ्रम है कि वे सेना की आड़ में राजनीतिक लाभ उठा सकते हैं, तो देश की जनता उन्हें करारा जवाब देगी। उन्होंने चेताया कि सेना को किसी भी राजनीतिक एजेंडे के तहत इस्तेमाल करना लोकतांत्रिक मर्यादा का उल्लंघन है।
प्रेस वार्ता के अंत में श्रीनेत ने देशवासियों से अपील की कि वे ऐसे नेताओं और राजनीतिक दलों के खिलाफ आवाज उठाएं, जो सेना के बलिदान और सम्मान से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल कांग्रेस बनाम भाजपा की लड़ाई नहीं, बल्कि राष्ट्र के सम्मान की लड़ाई है। अगर आज हम चुप रहे, तो कल हर संस्था राजनीतिक कब्जे की शिकार हो जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस सेना के सम्मान की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करेगी, चाहे इसके लिए कितना भी विरोध क्यों न झेलना पड़े।